UPSC Success Story: दोस्ती का रिश्ता, परिवार के रिश्तों से कम अहमियत नहीं रखता है। अगर आपने अच्छे दोस्त बनाएं है, तो वो आपको सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाते हैं। आज हम आपके लिए ऐसे ही तीन दोस्तों- ईपीएस साद मियां खान (IPS Saad Miyan Khan), आईएएस विशाल मिश्रा (IAS Vishal Mishra) और आईएएस गौरव विजयराम कुमार (IAS Gaurav Vijayram Kumar) की सफलता की कहानी लेकर आए हैं, जिन्होंने एक साथ यूपीएससी परीक्षा को पास किया और प्रशासनिक अधिकारी बने।

साद मियां खान रैंक के मामले में अपने दोस्तों में सबसे ऊपर हैं। उन्होंने इस परीक्षा में 25वां रैंक हासिल किया। साद बिजनौर से हैं और उन्होंने विशाल मिश्रा के साथ एचबीटीआई कानपुर से बीटेक की पढ़ाई की है। वे दोनों 2007 में दोस्त बने और 2012 में सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दोनों की मुलाकात दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी के बीच गौरव से हुई।

विशाल ने बीटेक करने के बाद आईआईटी कानपुर से एमटेक की पढ़ाई की, जबकि साद अपनी तैयारी लग गए। इस दौरान अलग होने के बाद भी दोनों के बीच बातचीत होती रही। दूसरी ओर गौरव कुमार ने पीईसी यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, चंडीगढ़ से बीई ऑनर्स – मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरा किया। इसके बाद वो UPSC CSE की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए।

यूपीएससी तैयारी और सफलता
साद खान 2013 से 2017 तक यूपीएससी सीएसई में चार बार उपस्थित हुए और अपने पांचवें प्रयास में क्वालीफाई किया और AIR 25 हासिल की। गौरव कुमार नेबताया कि मैं अपने दोस्तों के साथ सभी योजनाओं, मुद्दों और प्रश्नों पर चर्चा करता था। उन्होंने मुझे बेहतर रणनीति बनाने में मदद की। गौरव को पहले तीन प्रयासों में सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने UPSC 2017 में AIR 34 हासिल किया। वहीं, विशाल मिश्रा उत्तराखंड के रहने वाले हैं और साद मियां खान के साथ एचबीटीआई कानपुर में पढ़े हैं। वह पेशे से इंजीनियर हैं। उन्होंने UPSC CSE 2017 में AIR 49 हासिल किया।

कहां हैं तोनों दोस्त
विशाल मिश्रा 2018 बैच के IAS अधिकारी हैं। वर्तमान में विशाल मिश्रा उत्तराखंड के जिला उधमसिंह नगर में संयुक्त मजिस्ट्रेट रुद्रपुर हैं। वहीं, साद मियां खान ने आईपीएस को चुना और उन्हें यूपी कैडर में रखा गया है। गौरव कुमार को आजमगढ़ का ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है।




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