विभिन्न अध्ययनों के अनुसार अधिकतर लोगों का 70 से 90 फीसद तक समय भूतकाल, भविष्यकाल और अन्य व्यर्थ की बातें सोचने में चला जाता है।

विभिन्न अध्ययनों के अनुसार अधिकतर लोगों का 70 से 90 फीसद तक समय भूतकाल, भविष्यकाल और अन्य व्यर्थ की बातें सोचने में चला जाता है। अगर हम अपनी परेशानियों, समस्याओं और तनाव के कारणों का सही से विश्लेषण करेंगे तो पाएंगे कि हमारे 90 फीसद तनाव का कारण भूतकाल में या भविष्यकाल में है।

इसका अर्थ यह है कि वर्तमान में हमें कोई समस्या नहीं है और हमारी परेशानी या तनाव का कारण या तो भूतकाल की कोई घटना है या भविष्यकाल का डर है। अगर समस्या का कारण भूतकाल है तो अब उसका तो कुछ किया नहीं जा सकता इसलिए व्यर्थ में तनाव लेकर हम अपने ही दिमाग को परेशान कर रहे हैं। यदि अगर तनाव का कारण भविष्यकाल का कोई डर है तो उसका भविष्य तो वर्तमान ही तय करेगा।

इसलिए अगर हम वर्तमान में जिएंगे तो भविष्य अच्छा ही होगा और अगर हम बार बार भविष्य के डर से डरते रहेंगे जो अभी तक पैदा ही नहीं हुआ तो फिर हम अपना वर्तमान खराब कर देंगे और हमारा यही वर्तमान हमारा भविष्य खराब कर देगा। इसलिए हमें वर्तमान में ही जीना चाहिए और इसे बेहतर बनाना चाहिए क्योंकि न तो भूतकाल और न ही भविष्यकाल पर हमारा नियंत्रण है।


Source link