प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के नये संवर्ग के पदों पर सिर्फ शिक्षक ही आवेदन दावेदार होंगे।

बिहार में राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए अनुमति दे दी है। इस भर्ती प्रक्रिया से 40558 पदों पर प्राथमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षकों की जबकि 5334 हेडमास्टर के पद उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भरे जाएंगे। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) इन पदों पर नियुक्ति के लिए सीधी भर्ती की प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करेगा। खास बात यह है कि प्राथमिक स्कूलों में पहली बार प्रधान शिक्षक नियुक्त किये जायेंगे। अबतक ऐसे स्कूलों में सबसे सीनियर शिक्षक स्कूल चलाते थे।

शिक्षा विभाग के प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति व सेवाशर्त नियमावली-2021 के दो अलग-अलग प्रस्तावों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दी गई। प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के नये संवर्ग के पदों पर सिर्फ शिक्षक ही आवेदन दावेदार होंगे। वे ही कमीशन द्वारा आयोजित सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के लिए मान्य आवेदक होंगे। प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक पद के लिए पात्रता सरकारी स्कूल में 8 साल का शिक्षण तय किया गया है।

वहीं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद के लिए अपने मूल कोटि में 8 साल पूरा करने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षक जबकि निजी विद्यालयों (सीबीएसई,आईसीएसई बोर्ड के स्कूल) में 12 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक योग्य होंगे।

प्राथमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षक के पद जिला संवर्ग जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के पद प्रमंडल संवर्ग के होंगे। दोनों में से किसी पद पर यदि कोई नियोजित शिक्षक चयनित होंगे तो चयन के साथ ही वे नियोजन इकाई से बाहर हो जाएंगे।


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