एक लम्बे समय के बाद दिल्ली के स्कूल खुलने की तैयारियां कर रहे हैं।
एक लम्बे समय के बाद दिल्ली के स्कूल खुलने की तैयारियां कर रहे हैं। ये स्कूल केवल उन ही क्षेत्रों में खुलेंगे, जहां पर कोई भी सील क्षेत्र नहीं है। इस समय दिल्ली के अंदर केवल दो ही जिले ऐसे हैं, जहां अब एक भी सील क्षेत्र नहीं बचा है। बाकि जिलों में सील क्षेत्र होने की वजह से इन जगहों पर स्कूल खोलना सरकारी तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकता है।
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी दिल्ली के अंदर 144 क्षेत्र ऐसे हैं। जहां पर सील क्षेत्र बचे हुए हैं। सरकार ने तीसरी लहर की चुनौती के बीच इन स्कूलों को खोलने की तैयारियां की हैं हालांकि अभी भी आखिरी फैसला संबंधित बच्चों के अभिभावकों पर भी छोड़ा गया है। इसी इरादे से ही दिल्ली में आॅनलाइन व आॅफलाइन दोनों ही व्यवस्था में शिक्षण जारी रहेगा। दिल्ली सरकार ने यह भी साफ किया है कि यदि कोई भी विद्यालय सील क्षेत्र के दायरे में आता है। उन स्कूलों को अभी खोलने की अनुमति नहीं होगी।
दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की 26 अगस्त 2021 तक की रिपोर्ट बताती है कि जैसे- जैसे कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है। दिल्ली में सील क्षेत्रों को खोला जा रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 148 सक्रिय क्षेत्र हैं, जहां पर कोरोना संंबंधित नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। 71 ऐसे इलाके हैं जहां पर सील क्षेत्रों को तुंरत खोला जा सकता है लेकिन अब तक यहां पर विभागों की कागजी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है। इसलिए 219 क्षेत्रों को तकनीकी तौर अभी भी सील क्षेत्र के दायरे में है। जहां पर आने वाले स्कूलों में सरकारी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। इस कोरोनाकाल में में दिल्ली सरकार कोे कुल 87508 क्षेत्रों को सील क्षेत्र में बदलना पड़ा था, जिनमें से 87289 को अभी तक सील मुक्त किया जा चुका है। इन क्षेत्रों में 73515 ऐसे क्षेत्र जून 2020 के बाद बनाने की आवश्यकता पड़ी है।
संक्रमण के 28 नए मामले, एक व्यक्ति की मौत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की सथिति कमोवेश एक जैसी बनी हुई है। दिल्ली में मंगलवार को कोविड-19 के 28 नए मामले सामने आए हैं और संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत हो गई। संक्रमण दर 0.05 फीसद दर्ज की गई। सोमवार को भी एक व्यक्ति की मौत हुई थी। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार दिल्ली में संक्रमण से रविवार तक लगातार चार दिन तक किसी की मौत नहीं हुई थी। वहीं संक्रमण के कम नए मामले सामने आने के पीछे कम जांच भी वजह हो सकती है क्योंकि जन्माष्टमी के मौके पर सोमवार को छुट्टी थी।
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