केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी अभिभावकों के लिए ‘शिक्षा तकनीकी’ कंपनियों को लेकर सलाह जारी की।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी अभिभावकों के लिए ‘शिक्षा तकनीकी’ कंपनियों को लेकर सलाह जारी की। इसमें कहा गया है कि अभिभावक इन कंपनियों पर आंख बंद कर भरोसा न करें। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि शिक्षा में प्रौद्योगिकी के व्यापक प्रभाव को देखते हुए, कई ‘एड-टेक’ कंपनियों ने आनलाइन मोड में पाठ्यक्रम, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग आदि की पेशकश कर रही हैं।

इस पृष्ठभूमि में अभिभावकों और विद्यार्थियों एड-टेक कंपनियों की आनलाइन सामग्री और कोचिंग का चयन करते समय सावधान रहना होगा। निर्णय करते समय कई बातों पर अच्छी तरह से विचार किया जाना चाहिए। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि कुछ कंपनियों द्वारा जिन मुफ्त सेवाओं का वादा किया जाता है, उनका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जाना चाहिए। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ ‘एड-टेक’ कंपनियां माता-पिता को मुफ्त सेवाएं देने की आड़ में ‘इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर’ (ईएफटी) करने या ‘आटो-डेबिट सुविधा’ को सक्रिय करा लेती हैं। ये कंपनियां विशेष रूप से गरीब परिवारों को निशाना बना रही हैं। मंत्रालय ने अपनी सलाह में कहा है कि इन कंपनियों के उत्पाद खरीदने से पहले सरकार की ओर से मुफ्त में उपलब्ध सामग्री को भी देखना चाहिए।

दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेजों में शिक्षकों के 3,959 पद खाली : सरकार
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी घटक कालेजों में शिक्षण के 3,900 से अधिक पद खाली हैं और वर्तमान में 3,000 से अधिक तदर्थ शिक्षक काम कर रहे हैं। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने यह जानकारी दी। सुभाष सरकार ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी घटक कालेजों में शिक्षण के कुल 3,959 पद खाली हैं और वर्तमान में 3,047 शिक्षक खाली शिक्षण पदों के विरुद्ध तदर्थ आधार पर काम कर रहे हैं। सरकार ने कहा कि सबसे अधिक 216 खाली पद गार्गी कालेज में है जबकि जानकी देवी मेमोरियल कालेज में 169 पद और रामजस कालेज में 143 पद खाली हैं। इसी प्रकार देशबंधु कालेज में 132 और श्री वेंकटेश्वर कालेज में 131 पद खाली हैं।

कोरोना के कारण केंद्रीय व जवाहर नवोदय विद्यालयों के 327 कर्मचारियों की मृत्यु हुई
केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालयों और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई)के कुल 327 शिक्षण तथा गैर-शिक्षण कर्मियों की कोरोना विषाणु संक्रमण के कारण मौत हुई। लेकिन उनमें से किसी भी शिक्षक की मौत कोरोना ड्यूटी के दौरान नहीं हुई। सरकार ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय और सीबीएसई के 327 शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों की कोविड-19 के कारण मृत्यु हुई। उन्होंने कहा कि इनमें से किसी भी शिक्षक की मृत्यु कोविड ड्यूटी के दौरान नहीं हुई। शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची का विषय है और केंद्र के स्वामित्व वाले व वित्तपोषित स्कूलों को छोड़कर, अन्य सभी स्कूल राज्य सरकारों के क्षेत्राधिकार के तहत आते हैं।

तीन और चार जनवरी को होगी सीएस परीक्षा
इंस्टीट्यूट आफ कंपनी सेक्रेटरीज आफ इंडिया ने सीएस दिसंबर 2021 परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिया है। यह परीक्षा तीन और चार जनवरी को होने वाली है। ऐसे में जो भी उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, वे अब आधिकारिक वेबसाइट से प्रवेश पत्र को डाउनलोड कर सकते हैं। सीएस फाउंडेशन प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। इसके बाद आपके सामने एक नई विंडो खुलेगी। अब उम्मीदवारों को अब उस अधिसूचना पर क्लिक करना चाहिए जो कहता है, ‘सीएस फाउंडेशन प्रोग्राम दिसंबर 2021 परीक्षा के लिए ई-प्रवेश पत्र।’ अब फिर एक नई विंडो खुलेगी। उम्मीदवारों को अपनी विभिन्न जानकारियां जैसे आवेदन संख्या और जन्म तिथि के साथ लागइन करना होगा। प्रवेश पत्र अब स्क्रीन पर दिखाई देगा। अभ्यर्थी उसका प्रिंटआउट लेकर भविष्य के लिए रख लें।


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