उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (UPSESSB) ने टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों की 15508 भर्तियों का नोटिफिकेशन रद्द करने का आदेश दिया है। बताया जाता है कि बोर्ड ने कानूनी राय के बाद ये फैसला लिया है। दरअसल इसमें एक ही लिखित परीक्षा में तदर्थ और फ्रेश अभ्यर्थियों को अंक देने के दो मापदंड अपनाना गलत पाया गया। इसके अलावा टीजीटी जीव विज्ञान को बाहर करने से भी लीगल अड़चनें आईं। अन्य कारणों से भी भर्ती नोटिफिकेशन को रद्द करने का फैसला लिया गया।

बता दें कि इस साल अक्टूबर महीने में UPSESSB प्रयागराज ने टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों के 15508 पदों के लिए वैकेंसी निकाली थीं। तब के नोटिफिकेशन के मुताबिक टीजीटी के लिए 12913 और पीजीटी के लिए 2995 पद पर भर्ती की जानी थी। भर्ती प्रक्रिया में पहली बार आर्थिक से कमजोर (EWS) वर्ग के अभ्यर्थियों को दस फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था।

हालांकि सरकारी भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा तोहफा दिया। टॉप कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को मई में घोषित परिणामों के आधार पर सहायक बेसिक शिक्षकों के 69,000 रिक्त पदों पर भर्ती करने की अनुमति दे दी।

जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने सहायक बेसिक शिक्षकों के चयन के लिए कट ऑफ अंक बरकरार रखने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली ‘उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ’ की याचिका समेत अन्य याचिकाओं को खारिज कर दिया। संघ और कई अन्य ‘शिक्षा मित्रों’ ने उत्तर प्रदेश सरकार के सात जनवरी, 2019 के आदेश को चुनौती दी थी।

इस आदेश में कहा गया था कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 को उत्तीर्ण करने के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को कम से कम 65 प्रतिशत अंक और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 60 प्रतिशत अंक हासिल करने होंगे। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उसने राज्य सरकार के इस प्रतिवेदन को दर्ज कर लिया है कि परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रहने वाले ‘शिक्षा मित्रों ’ को अगले चयन में प्रतियोगिता में बैठने का एक और अवसर दिया जाएगा। (एजेंसी इनपुट सहित)

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