दिल्ली के मंडोली में स्थित सेंट्रल जेल अस्पताल के Resident Medical Officer (RMO) आर. राठी को उनके रिटायरमेंट वाले दिन ही निलंबित कर दिया गया। राठी के खिलाफ यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने अपने सीनियर अफसरों की इजाजत के बिना ही ठग सुकेश चंद्रशेखर को कलाई की घड़ी पहनने देने की सिफारिश की थी। सुकेश चंद्रशेखर करोड़ों रुपये की ठगी के आरोप में मंडोली जेल में बंद है।

The Indian Express के मुताबिक, मंडोली जेल के एक सीनियर अफसर ने इस बात को कंफर्म किया है कि राठी को उनके रिटायरमेंट वाले दिन यानी 28 फरवरी को ही निलंबित कर दिया गया था। उसके बाद इस बात की जांच शुरू कराई गई कि उन्होंने ऐसा क्यों किया था? वह पिछले ढाई साल से जेल में RMO के पद पर थे।

बताना होगा कि सुकेश चंद्रशेखर बॉलीवुड की सिने अदाकारा जैकलीन फर्नांडीज के साथ उसके कथित रिश्तों और उसे दिए गए महंगे गिफ्ट को लेकर जबरदस्त चर्चा में रहा है। इन दिनों वह रैनबैक्सी के पूर्व मालिक शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपये की वसूली करने के चलते जेल की सजा काट रहा है।

सुकेश चंद्रशेखर पर आरोप है कि उसने खुद को प्राइम मिनिस्टर ऑफिस का रिप्रेजेंटेटिव बताया और अदिति सिंह को फोन कर कहा कि वह उनके पति को जेल से बाहर निकलने में मदद करेगा। सुकेश चंद्रशेखर 2017 से ही जेल की सलाखों के पीछे है और 4 नवंबर, 2023 को उसे दिल्ली की मंडोली जेल में शिफ्ट किया गया था।

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क्या है यह पूरा मामला?

दिल्ली की एक अदालत के द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद मंडोली जेल के अफसरों ने सुकेश चंद्रशेखर को कलाई की घड़ी दी थी लेकिन बाद में जेल अधिकारियों ने ही इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।

इस साल जनवरी में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विशाल गोगने ने डीआईजी से स्पष्टीकरण मांगा था कि जेल में क्या किसी भी जेल के अधीक्षक द्वारा किसी कैदी को कलाई की घड़ी पहनने की इजाजत दी गई है? अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि डीआईजी इस बारे में स्पष्टीकरण दें।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘अफसरों ने सवाल का सही जवाब नहीं दिया। इस मामले में कैदी ने RMO का लिखित आदेश अदालत के सामने रखा है जिसमें इस बात की सिफारिश की गई है कि उसे एक साधारण कलाई घड़ी पहनने की अनुमति दी जाए। साथ ही उसने अन्य कैदियों के नाम भी बताए हैं जिन्हें ऐसी अनुमति दी गई है और वे जेल में अपनी कलाई घड़ी पहन रहे हैं।’

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स्पेशल जज गोगने ने अपने आदेश में कहा, ‘आवेदक (सुकेश चंद्रशेखर) ने बताया है कि उसकी पहले इस्तेमाल की गई घड़ी जेल अधीक्षक के कार्यालय में जमा है और वह उसे वापस दी जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो याचिकाकर्ता के वकील को एक साधारण कलाई घड़ी देने की इजाजत दी जाती है।’

इस फैसले के खिलाफ मंडोली सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की और ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी। एक अफसर ने बताया कि पिछले महीने दिल्ली हाई कोर्ट ने मंडोली जेल के अधिकारियों की ओर से दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था।

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