कर्नाटक की आईपीएस अधिकारी डी. रूपा चर्चा में हैं। क्या आप जानते हैं कि डी रूपा की पढ़ाई लिखाई कहां से और कैसे पूरी हुई। उन्हें आईपीएस अफसर की नौकरी कब मिली। डी. रूपा एक पढ़े लिखे परिवार से आती हैं। उनके पिता जे. एच. शिवकर, एक रिटायर्ड टेलीकॉम इंजीनियर थे और उनकी मां हेमावती डाक विभाग में काम करती थीं। उनकी एक बहन है जिसका नाम रोहिणी है, उन्होंने UPSC परीक्षा पास की है और वह अभी एक आईआरएस ऑफिसर हैं। डी रूपा अपने 20 साल के करियर में 40 से ज्यादा तबादले झेल चुकी हैं। उनके इन तबादलों में उनका राजनेताओं से टकराना भी एक अहम कारण रहा है।
रूपा दिवाकर, जो डी. रूपा के नाम से प्रसिद्ध हैं, उन्होंने कुवेम्पु विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और एमए मनोविज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पोस्ट ग्रेजुएशन में उन्हे गोल्ड मेडल भी मिला। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी और साल 2000 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 43 वें स्थान पर आकर भारतीय पुलिस सेवा में चयन किया। 2001 बैच के आईपीएस अधिकारियों में वह पांचवें नंबर पर रहीं।
वह साल 2013 में साइबर-क्राइम विभाग की प्रमुख बनने वाली पहली महिला बनीं। प्रशिक्षण के बाद, वह धारवाड़ जिले में और बाद में गदग जिले, बीदर और फिर अंत में यादगीर जिले में एसपी के रूप में तैनात हुईं। साल 2003 में, रूपा ने पंजाब के मुनीश मौदगिल से शादी कर ली, जो आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से अपनी बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पूरी की। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भी पास की और ओडिशा कैडर में एक आईएएस अधिकारी बने। वे दोनों पहली बार मसूरी में फाउंडेसन ट्रेनिंग में मिले और फिर शादी करने का फैसला किया। डी. रूपा का जन्म दावणगेरे में हुआ था।
डी. रूपा ने ही जेल के अंदर शशिकला को मिल रहे वीआईपी ट्रीटमेंट का खुलासा किया था। तब उस कार्रवाई ने शशिकला की मुश्किलें काफी बढ़ा दी थीं। डी. रूपा को पटाखों पर लगे प्रतिबंध का समर्थन करने के बाद सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था। 14 नवंबर को एक फेसबुक पोस्ट में, उन्होंने लिखा था कि दिवाली पर पटाखे फोड़ना हिंदू परंपरा नहीं है और महाकाव्यों और पुराणों में पटाखे का कोई उल्लेख नहीं है।
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