Who Is Ghazi Baba: बॉलीवुड अभिनेता इमरान हाशमी इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘ग्राउंड जीरो’ को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं, जो कुछ दिनों बाद सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। इसमें एक्टर बीएसएफ के एक डिप्टी कमांडेंट का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म की कहानी फौजी नरेंद्र नाथ दुबे और 2001 में हुए भारतीय संसद हमले के मास्टरमाइंड ‘गाजी बाबा’ के इर्द-गिर्द घूमते हुए नजर आएगी।

कुछ दिनों पहले फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया था, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ‘गाजी बाबा’ आखिर कौन था। वह सिर्फ संसद हमले का मास्टरमाइंड नहीं था, बल्कि एक खतरनाक आतंकवादी था। चलिए आपको बताते हैं उसके बारे में, क्योंकि ‘ग्राउंड जीरो’ की कहानी इसी पर बेस्ड है।

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‘ग्राउंड जीरो’ के ट्रेलर में दिखी थी थोड़ी से झलक

कुछ दिनों पहले जारी किए 2 मिनट 42 सेकंड के ‘ग्राउंड जीरो’ के ट्रेलर की शुरुआत 2001 वाले कश्मीर से हुई। इसके बाद रेडियो से आवाज आती है कि पत्थर फेंकने के दिन गए, असली शोर मचाना है तो पिस्टल चलाना होगा। फिर कुछ डायलॉग के बाद ट्रेलर में आतंकियों के बंदूकों की गड़गड़ाहट सुनने को मिलती है।

इसके बाद एक और डायलॉग सुनाई देता है, जिसमें सुनाई देता है कि ‘तुझे लाई यहां तेरी मौत फौजी, कश्मीर का बदला लेगा गाजी’। इसके बाद ट्रेलर में नरेंद्र नाथ दुबे यानी इमरान हाशमी की एंट्री होती है, जो गाजी से बदला लेगा। अब आखिर सवाल खड़ा होता है कि ये गाजी था कौन।

कौन था गाजी बाबा

‘गाजी बाबा’ साल 2001 में हुए भारतीय संसद हमले, कंधार अपहरण और अक्षरधाम हमले के समेत कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड था। इतना ही नहीं, वह जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर-इन-चीफ था और मसूद अजहर का दाहिना हाथ भी था, जिसे कंधार विमान अपहरण के बाद रिहा कर दिया गया था। ‘गाजी बाबा’ का असली नाम राणा ताहिर नदीम था। साल 2001 में हुए संसद पर हमले के बाद हर एजेंसी उसकी तलाश में जुट गई।

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ऐसे बनाया था गाजी को पकड़ने का प्लान

इस घटना के लगभग दो दशक बाद ‘द लवर बॉय ऑफ बहावलपुर’ के लेखक राहुल पंडिता ने अपनी बुक में यह खुलासा किया कि कैसे कश्मीर में जैश प्रमुख का खात्मा हुआ। दरअसल, जुलाई 2001 तक जैश ने हिज्बुल को कश्मीर में मुख्य आतंकी संगठन के रूप में बदल दिया। बीएसएफ अधिकारी नरेंद्र नाथ दुबे की यहां दूसरी पोस्टिंग थी। वह अपने दफ्तर में थे तभी उन्हें अपने कमांडिंग ऑफिसर का फोन आया। उन्हें कमांडिंग ऑफिसर ने अपने कार्यालय बुलाया। इसके बाद उन्होंने ‘गाजी’ के लिए प्लान बनाया।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (SOG) के प्रमुख सुनील कुमार ने उन्हें बताया कि योजना यह थी कि सोर्स बाबा के खाने में बेहोश करने वाली दवा दवा मिला देगा और फिर एसओजी-बीएसएफ की संयुक्त टीम उसके ठिकाने पर छापा मारेगी और उसे गिरफ्तार कर लेगी, लेकिन शाम तक ऑपरेशन बंद कर दिया गया। इस असफल मिशन के पांच महीने बाद गाजी बाबा ने भारत की संसद पर हमला करने की योजना बनाई।

फिर जुलाई 2003 में वाजपेयी के दौरे के दौरान बीएसएफ ने श्रीनगर के हर कोने में जवानों की तैनाती की थी। तभी एक संकरी गली में तैनात बीएसएफ जवानों ने साइकिल पर एक घबराए हुए यंग व्यक्ति को देखा। जवानों ने उसे रोककर तलाशी ली गई, तब पता चला कि उसके शरीर पर विस्फोटक चीज बंधी है, जिसे देखकर वह चौंक गए। पूछताछ और छानबीन करने के बाद पता चला कि वह फैसलाबाद का रहने वाला अंसार था, जिसे जवानों ने उनके साथ सहयोग करने को कहा, शुरू में वह सहयोग करने को तैयार नहीं था।

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फिर बाद में जवानों ने एक प्लान बनाया और उस गिरफ्तार किए गए शख्स को अपनी बातों में फंसाया। अधिकारियों ने अंसार से कहा कि वह कितना सुंदर और फिट है। अगर वह सेना का सहयोग करता है तो उसे न सिर्फ छोड़ दिया जाएगा, बल्कि उसे नौकरी भी दी जाएगी। अंसार ने बात मान ली और सब बता दिया। उसी से नरेंद्र को गाजी के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने प्लान बनाया और ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें गाजी को मार दिया गया।

नरेन्द्र नाथ दुबे को मिला था कीर्ति चक्र

बता दें कि बीएसएफ अधिकारी नरेन्द्र नाथ दुबे ने उस ऑपरेशन का नेतृत्व किया था, जिसमें आतंकवादी सरगना ‘गाजी बाबा’ को मारा गया था। 12 अप्रैल, 2005 को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से उन्हें कीर्ति चक्र मिला था।

इमरान ने की थी फिल्म को लेकर बात

हाल ही में अपनी मूवी को प्रमोट करते हुए इमरान हाशमी ने भी इसे लेकर बात की थी। उन्होंने शेयर किया था कि इन बीएसएफ अधिकारियों के बलिदान की कहानी और 2000-2003 के फेज के इस खास मिशन/ऑपरेशन का महत्व यह है कि इससे जैश-ए-मोहम्मद का पूरा ढांचा अस्थिर हो गया था। एक्टर ने आगे कहा कि इस ऑपरेशन की वजह से 13 साल तक इस संगठन ने भारतीय धरती पर आतंकवादी हमले की योजना नहीं बनाई। बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते। इसलिए यह इस ऑपरेशन का महत्व है और कारण ये है कि यह एक ऐसी कहानी है, जिसे बताया जाना चाहिए था।

कब रिलीज होगी ‘ग्रउंड जीरो’

ग्राउंड जीरो का निर्देशन तेजस प्रभास और विजय देओस्कर ने किया है, जबकि इसकी कहानी को संचित गुप्ता और प्रियदर्शी श्रीवास्तव ने लिखा है। फिल्म में इमरान के अलावा सई ताम्हणकर, जोया हुसैन, मुकेश तिवारी, रॉकी रैना, दीपक परमेश और ललित प्रभाकर अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे। बता दें कि रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर द्वारा निर्मित यह मूवी 25 अप्रैल, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

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