WB SSC Recruitment Case: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित होने वाले लोगों के साथ ही बच्चों की पढ़ाई पर इसका कितना असर होगा, इसे लेकर भी तमाम सवाल उठ रहे हैं। इस बीच कई शिक्षक और कर्मचारी कक्षाओं में लौट आए हैं। उन्होंने यह फैसला इसलिए किया है क्योंकि स्टूडेंट्स को किसी तरह की परेशानी ना हो।
टाइम्स आफ इंडिया के मुताबिक, कई शिक्षकों ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद कई स्कूलों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इन दिनों परीक्षाएं चल रही हैं और इसे देखते हुए ही उन्हें अपने काम पर लौटना पड़ा है।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार फैसले से प्रभावित लोगों को यह भरोसा दिलाने की पूरी कोशिश कर रही है कि वह उनके साथ खड़ी है। ममता बनर्जी ने कहा है कि वह अदालत का सम्मान करती हैं लेकिन इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी।
ममता बनर्जी के लिए कितनी बड़ी मुसीबत बनेगा शिक्षक भर्ती घोटाला
एक शिक्षक ने कहा, “हमें उस अपराध की सजा क्यों दी जानी चाहिए जिसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि वह स्कूल इसलिए आए हैं क्योंकि उनके पास कुछ जिम्मेदारियां हैं और वह इन्हें अनदेखा नहीं कर सकते।
एक स्कूल में बायोलॉजी के टीचर ने कहा, “हम अपने स्टूडेंट्स को लेकर चिंतित हैं क्योंकि वे अभी-अभी क्लास 12th में गए हैं। जब मुझसे प्रिंसिपल ने अनुरोध किया कि मैं क्लास लेने के लिए आऊं तो मैंने दोबारा इसके बारे में नहीं सोचा।”
‘हम कक्षाएं कैसे चलाएंगे…’, पश्चिम बंगाल के स्कूलों के सामने बड़ा संकट
इसी तरह एक हाई स्कूल में लैब असिस्टेंट का काम करने वाले सुभाष चंद्र मंडल ने कहा, “हेड मास्टर ने मुझे बुलाया इसलिए मैं आया हूं लेकिन मैं पिछले दो दिनों से सो नहीं पाया हूं।” कई स्कूलों के प्रमुखों ने कहा है कि टीचर्स को वापस बुलाना एक मुश्किल फैसला था। एक स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि पार्ट टाइम टीचर्स को नियुक्त किए जाने के मामले में स्कूल मैनेजमेंट के साथ बातचीत की जाएगी।
राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और उससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने बड़ा मुद्दा बना लिया है। राज्य के विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा मांगा है।
यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी खोने वाले घोष बोले – मेरी कोई गलती नहीं
Source link