राज्यसभा से वक्फ संशोधन बिल पारित हो गया है, 12 घंटे से ज्यादा चली संसद में इस मुद्दे पर काफी मंथन हुआ, पक्ष-विपक्ष के तर्क देखने को मिले। अब इस बिल के सपोर्ट में 128 वोट पड़े हैं, यानी कि एक स्पष्ट बहुमत के साथ इसे पारित करवाया गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।

जानकारी के लिए बता दें कि इस बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष की तरफ से कई संशोधन रखे गए थे, सभी पर अलग से वोटिंग तक करवाई गई। लेकिन पर्याप्त नंबर नहीं होने की वजह से सभी संशोधन खारिज होते चले गए और सरकार की राह काफी आसान दिखी। चर्चा के दौरान कई मौकों पर इस बात का मुद्दा उठा कि मुस्लिमों का अधिकार छीना जा रहा है, यहां तक कहा गया कि सरकार दूसरे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इसे लेकर आई। लेकिन सरकार की स्पष्ट दलील रही कि पारदर्शिता लाने के लिए और सभी के साथ न्याय करने के लिए इस बिल को लाया गया है।

वैसे चर्चा के दौरान राज्यसभा में बिल पेश करते समय रिजिजू ने कहा कि वक्फ बिल पर 1 करोड़ से ज्यादा सुझाव मिले। जेपीसी पर सरकार ने सभी के सुझाव लिए। वक्फ बिल पर JPC से विस्तार से चर्चा हुई। वक्फ का सही इस्तेमाल होता तो देश बदल जाता। वक्फ संपत्ति से सालाना 12 हजार करोड़ आय होती। कांग्रेस जो नहीं कर पाई वो बीजेपी कर रही है।

कानून मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज की स्थिति में, 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। 2006 में, अगर सच्चर समिति ने 4.9 लाख वक्फ संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान लगाया था, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि ये संपत्तियां अब कितनी आय उत्पन्न कर रही होंगी।




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