UPSC: साल 2013 में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद से ही वरूण यूपीएससी एग्जाम की तैयारी में लग गए थे।

UPSC: सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने का सपना तो लाखों लोग देखते हैं लेकिन इस लक्ष्य को पाने के लिए सही रणनीति और मेहनत के साथ ही धैर्य और सकारात्मक रवैया बनाए रखना बेहद आवश्यक है। कई बार यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए सालों लग जाते हैं ऐसे में बिना निराश हुए लगातार प्रयास करते रहना आसान नहीं होता है। आज हम आपको वरुण रेड्डी के बारे में बताएंगे जिन्होंने हार मानने की जगह अपनी असफलताओं का डटकर मुकाबला किया और आखिरकार कामयाबी हासिल की है।

आमतौर पर लोग सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी काफी पहले से ही करने लगते हैं। हालांकि, वरुण ने इस क्षेत्र में जाने से पहले आईआईएम से एमबीए करने का फैसला किया था। फिर कुछ कारणों से उन्होंने सिविल सेवा के क्षेत्र में जाने का मन बना लिया था। साल 2013 में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद से ही वह यूपीएससी एग्जाम की तैयारी में लग गए थे। वरुण ने एक साल की तैयारी के बाद ही अपना पहला अटेम्प्ट दिया था। पहले ही प्रयास में इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गए थे लेकिन उनका फाइनल सिलेक्शन नहीं हो पाया था।

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सिविल सेवा परीक्षा के दूसरे प्रयास में वरुण मेन्स भी क्लियर नहीं कर पाए थे। ऐसे में उन्होंने अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट ज्योग्राफी को बदलकर मैथ्स को चुना था। इसके बाद तीसरे प्रयास में उन्होंने 166वीं रैंक और चौथे प्रयास में 225वीं रैंक हासिल की थी। इन सफलताओं के बावजूद भी वरुण संतुष्ट नहीं थे। वह तब नहीं रुके जब तक उन्हें मनचाही रैंक नहीं मिल गई। आखिरकार, तकरीबन 6 साल की मेहनत के बाद सिविल सेवा परीक्षा के पांचवें प्रयास में वरुण ने 7वीं रैंक के साथ टॉप किया और मनचाहा पद भी प्राप्त किया।

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वरुण के अनुसार, सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत सारी किताबें इकट्ठा करने से बेहतर है कि कुछ सीमित किताबों से ही पढ़ाई करें लेकिन नियमित रूप से रिवीजन अवश्य करें। इसके अलावा आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करें और कई सारे मॉक टेस्ट भी दें। उनका मानना है कि प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी अलग-अलग करने से बेहतर है कि एक साथ ही परीक्षा की तैयारी करें।


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