UPSC: यूपीएससी परीक्षा के लिए लोग कई साल मेहनत करते हैं, तरह-तरह की कोचिंग करते हैं और तब कहीं जाकर उन्हें सफलता मिलती है। वहीं, कुछ लोग अपने बेहतर स्ट्रेटजी के चलते यह मुकाम एक बार में ही प्राप्त कर लेते हैं। सच है कि जब इरादे मजबूत हों और परिवार का भी साथ हो तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। आज हम आपको श्रेयांश कुमत के बारे में बताएंगे जिन्होंने साल 2018 में यूपीएससी परीक्षा के अपने पहले अटेम्प्ट में ही चौथी रैंक हासिल की थी।
श्रेयांश राजस्थान के अजमेर जिले के किशनगढ़ शहर के रहने वाले हैं। वह बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थे इसलिए श्रेयांश के दादा चाहते थे कि वह एक आईएएस अधिकारी बनें और परिवार का नाम रोशन करें। हालांकि, श्रेयांश का रुझान दूसरी ओर था इसलिए उन्होंने यूपीएससी की तरफ ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। बता दें कि श्रेयांश की प्रारंभिक शिक्षा किशनगढ़ से हुई है। इसके बाद कक्षा 9 और 10 की पढ़ाई के लिए उनका दाखिला अजमेर में करा दिया गया था। फिर कक्षा 11वीं और 12वीं की पढ़ाई उन्होंने कोटा से की थी। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद श्रेयांस ने IIT Bombay से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech की डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने Ernst & Young Firm में दो साल तक बतौर मैनेजमेंट कंसलटेंट काम किया। नौकरी के दौरान ही उनके मन में यूपीएससी का ख्याल आया था। उन्होंने इस फील्ड के बारे में सारी जानकारी जुटाई और फिर अपनी तैयारी शुरू कर दी।
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श्रेयांश ने यूपीएससी परीक्षा के लिए अपनी नौकरी भी छोड़ दी। उन्होंने पहले कोचिंग करने का मन बनाया था लेकिन बाद में सेल्फ स्टडी पर ही भरोसा किया। हालांकि, वह सेल्फ स्टडी के साथ ऑनलाइन कोचिंग किया करते थे। इससे उन्हें टॉपिक को अच्छी तरह से समझने में मदद मिलती थी। वह हर रोज लगभग 6 से 10 घंटे पढ़ाई किया करते थे। इसके साथ रिवीजन करते थे और मॉक टेस्ट भी दिया करते थे। इसी मेहनत का नतीजा था कि श्रेयांश ने पहले ही अटेम्प्ट में चौथी रैंक पाई थी। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में कुल 1071 अंक प्राप्त किए थे। जिसमें, मेन्स में 887 और इंटरव्यू में 184 अंक थे।
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