UPSC: सौम्या गुरुरानी मूल रूप से अल्मोड़ा की रहने वाली हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी यहीं से ही हुई है।

UPSC: सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। हर साल लाखों लोग इस परीक्षा में बैठते हैं लेकिन केवल कुछ ही उम्मीदवार अपने सपने को हकीकत में बदल पाते हैं। ऐसी ही एक कहानी है सौम्या गुरुरानी की जिन्होंने चार प्रयासों के बाद सफलता प्राप्त की थी।

सौम्या गुरुरानी मूल रूप से अल्मोड़ा की रहने वाली हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी यहीं से ही हुई है। ‌सौम्या हमेशा से ही पढ़ाई में काफी होशियार थीं। स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद साल 2013 में उन्होंने ग्रेजुएशन भी पूरा कर लिया था। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा क्षेत्र में जाने का मन बना लिया और उसी हिसाब से तैयारी भी शुरू कर दी थी। ‌सौम्या ने अच्छे गाइडेंस के लिए कोचिंग भी ज्वाइन कर ली थी और फिर एक साल की तैयारी के बाद पहली बार यूपीएससी एग्जाम दिया था।

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सौम्या ने सिविल सेवा परीक्षा के पहले अटेम्प्ट में ही प्रीलिम्स क्लियर करके मेन्स के लिए तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन वह इसे नहीं क्लियर कर पाईं थीं। सौम्या ने हार नहीं मानी और लगातार पढ़ाई में लगी रहीं। हालांकि, अपने दूसरे प्रयास में सौम्या प्रीलिम्स तक भी नहीं क्लियर कर पाईं। इस असफलता के बाद सौम्या काफी निराश हो गई थीं। इस दौरान सौम्या के परिवार वालों ने उन्हें प्रोत्साहित किया और प्रयास करते रहने की सलाह दी थी।

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सौम्या ने सिविल सेवा परीक्षा का तीसरा अटेम्प्ट दिया और इस बार उन्होंने सभी चरणों को पास भी कर लिया था लेकिन आईएस बनने का सपना अधूरा रह गया। इसी दौरान सौम्या की शादी भी हो गई थी लेकिन सौम्या ने यूपीएससी एग्जाम का एक और अटेम्प्ट देने का फैसला कर लिया था। आखिरकार, कठिन परिश्रम और लगन के चलते सौम्या ने 30वीं रैंक प्राप्त की और आईएस बनने का भी सपना पूरा कर लिया था। सौम्या के अनुसार इस परीक्षा की तैयारी के दौरान मिली असफलताओं से निराश होने की जगह अपनी कमियों को सुधारने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।


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