UPSC Recruitment 2020: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने परीक्षाओं में टाई होने पर फैसला लेने के अपने नियम को बदल दिया है। अब, समान अंक पाने वाले छात्रों को नए फॉर्मूले के आधार पर रैंक दी जाएगी। हर परीक्षा के लिए, एक अलग मानदंड है। यह संशोधित नियम 28 अगस्त 2019 के बाद विज्ञापित या आयोजित परीक्षा या अधिसूचना के लिए लागू होगा।

सिविल सेवा और वन सेवा परीक्षा के लिए (CSE, IFS), कंपलसरी पेपर और फिजिकल एग्‍जाम में प्राप्त नंबरों को पहले पैरामीटर के रूप में गिना जाएगा। यदि उम्मीदवार समान अंक प्राप्त करते हैं तो उनकी आयु पर विचार किया जाएगा। अधिक आयु वाले उम्मीदवारों को पहले वरीयता दी जाएगी। स्‍पेशल सर्विसेज़ या IES, ISS और कंबाइंड जियो-साइंटिस्‍ट और जियॉलो‍जिस्‍ट परीक्षा के लिए भी यही नियम लागू होगा। इससे पहले, नोटिस के अनुसार, कुल अंकों के आधार पर वेटेज दिया जाता था।

स्‍पेश‍लाइज्‍ड कंबाइंड मेडिकल सर्विसेज़ के लिए, उम्‍मीदवार की उम्र पहला पैरामीटर होगी जिसके बाद उम्‍मीदवार की इंटर्नशिप पूरा करने की तारीख देखी जाएगी। पहले इंटर्नशिप पूरा करने वाले उम्‍मीदवारों को पहले वरीयता दी जाएगी। CDS, NDA, CPF और CISF परीक्षा के लिए उम्र एकमात्र पैरामीटर होगी।

LDCE या स्टेनोग्राफर भर्ती परीक्षा के लिए एकमात्र टाई-ब्रेकर उम्‍मीदवार की आयु को ही माना जाएगा। जिन भर्तियों में केवल इंटरव्‍यू के आधार पर नियुक्ति की जाती है, वहां पहले आयु के आधार पर वरीयता दी जाएगी, इसके बाद पहले डिग्री प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को वरीयता दी जाएगी।

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