UPSC: सिविल सेवा परीक्षा के पहले अटेम्प्ट में तो प्रदीप असफल रहे थे लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने 491वीं रैंक के साथ सफलता प्राप्त कर ली थी।

UPSC: प्रदीप कुमार द्विवेदी छतरपुर बुंदेलखंड के रहने वाले हैं। वह बेहद ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके पिता भी एक किसान हैं। प्रदीप की शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी बुंदेलखंड के एक छोटे से गांव में हुई है‌। स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद प्रदीप ने भोपाल से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ही बिजली विभाग में उनकी नौकरी भी लग गई थी। कुछ समय तक नौकरी करने के बाद उनके मन में सिविल सेवा के क्षेत्र में जाने का विचार आया था।

प्रदीप ने तय कर लिया था कि वह सिविल सेवा परीक्षा के दो अटेम्प्ट देंगे। अगर इन दो प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली तो वह कोई दूसरी नौकरी करेंगे और उसके बाद ही आगे प्रयास करेंगे। सिविल सेवा परीक्षा के पहले अटेम्प्ट में तो प्रदीप असफल रहे थे लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने 491वीं रैंक के साथ सफलता प्राप्त कर ली थी।

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प्रदीप को इस रैंक के तहत जो भी पद मिला था उन्होंने ज्वाइन कर लिया था। हालांकि, उन्होंने आईएएस पद के लिए अपनी तैयारी जारी रखी थी। आखिरकार, साल 2018 में सिविल सेवा परीक्षा के अपने तीसरे प्रयास में प्रदीप ने 74वीं रैंक के साथ आईएएस का पद भी प्राप्त कर लिया था। प्रदीप इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता के अलावा कुछ करीबी दोस्तों को भी देते हैं।

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प्रदीप के अनुसार, प्रीलिम्स परीक्षा से पहले ही मेन्स परीक्षा की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि अगर मेन्स की तैयारी होगी तो प्रीलिम्स की भी अपने आप हो जाएगी। इसके अलावा उनका कहना है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग करना आवश्यक नहीं है। आप इंटरनेट पर उपलब्ध स्टडी मैटेरियल का भी उपयोग कर सकते हैं। प्रदीप का मानना है कि सही रणनीति के साथ नियमित रूप से पढ़ाई करें। इसके साथ ही लगातार टेस्ट देते रहें और आंसर राइटिंग की भी प्रेक्टिस करना आवश्यक है।


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