UPSC: डॉ. अर्तिका शुक्ला ने सिविल सेवा परीक्षा 2015 में भारत की सबसे कठिन मानी जानेवाले एग्जाम में सफलता प्राप्त की थी। यूपीएससी की सफलता की इस कहानी को जो आश्चर्यजनक बनाता है वह यह है कि यह अर्तिका का पहला प्रयास था। उन्होंने 2013 में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली से एमबीबीएस पूरा किया। इसके तुरंत बाद उन्होंने मेडिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी। उसे सफलता मिली और उसने एसजीपीजीआई, चंडीगढ़ में एमडी पीडियाट्रिक्स कोर्स में एडमिशन ले लिया।

अर्तिका ने नवंबर 2014 में अपना एमडी पीडियाट्रिक्स कोर्स छोड़ दिया। ऐसा करने से पहले, उन्होंने अपने बड़े भाई उत्कर्ष शुक्ला जो भारतीय रेल यातायात सेवा (आईआरटीएस) के एक अधिकारी हैं उनसे सलाह मांगी। उन्होंने अर्तिका को प्रोत्साहित किया और उसे आगे बढ़ने के लिए कहा।

उन्होंने अपने विषय के रूप में मेडिकल साइंस को चुना क्योंकि उन्हें इसका अच्छा नॉलेज था जिससे उन्हें बहुत मदद मिली। वह अपने भाई को प्रेरणा का स्रोत मानती हैं। वह पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आइडल मानती हैं।

अर्तिका के दो भाई पहले ही यूपीएससी की परीक्षा पास कर चुके थे और यहीं से उन्हें भी इस परीक्षा का जानकारी मिली थी। वह डॉक्टर बनने के बजाय IAS बनकर देश की सेवा करना चाहती थीं। सबसे खास बात है कि अर्तिका ने अपने पहले ही प्रयास में कामयाबी हासिल कर ली। अर्तिका का कहना है कि अगर कोई भी कड़ी मेहनत और सही स्ट्रेटेजी से पढ़ाई करता है तो उसके लिए यूपीएससी क्लियर करना बड़ी बात नहीं है।



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