UPSC: आज हम आपको कनिष्क कटारिया के यूपीएससी सफर के बारे में बताएंगे। कनिष्क जयपुर, राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्होंने कक्षा 12 तक की पढ़ाई कोटा के सेंट पॉल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की है। कक्षा 12वीं के बाद उन्होंने IIT JEE की परीक्षा दी थी। इस परीक्षा में उन्होंने 44वीं रैंक प्राप्त कर परिवार वालों का नाम रोशन किया था। इसके बाद उन्होंने साल 2014 में IIT Bombay से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में B.Tech की डिग्री पूरी की थी।

ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ही कनिष्क ने साउथ कोरिया की सैमसंग कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नौकरी शुरू कर दी थी। इस कंपनी में उन्हें अच्छी खासी सैलरी मिल रही थी लेकिन फिर भी कनिष्क इस नौकरी से संतुष्ट नहीं थे। आखिरकार नौकरी में मन न लगने की वजह से कनिष्क करोड़ों की नौकरी को ठोकर मार कर भारत वापस लौट आए थे। फिर यहां उन्होंने बंगलुरु की एक कंपनी में डाटा साइंटिस्ट की नौकरी ज्वाइन कर ली थी।

कनिष्क ने बचपन से ही अपने पिता और चाचा को आईएएस अधिकारी के रूप में देश की सेवा करते हुए देखा था। कनिष्क के पिता भी चाहते थे कि उनका बेटा भी प्रशासनिक सेवा में जाए लेकिन कनिष्क ने इस पर ज़्यादा गौर नहीं किया। हालांकि, कनिष्क भी कहीं न कहीं इस बात से काफी प्रभावित थे इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू करने का फैसला किया था। चूंकि कनिष्क एक अलग बैकग्राउंड से थे और उन्हें यूपीएससी परीक्षा के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी इसलिए उन्होंने दिल्ली में रहकर 7 – 8 महीने के लिए कोचिंग भी की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने घर पर रहकर सेल्फ स्टडी करने का निर्णय लिया। यह उनका कठिन परिश्रम और लगन ही था की साल 2018 में यूपीएससी परीक्षा के पहले ही प्रयास में कनिष्क ने टॉप कर दिखाया और अपने पिता का भी सपना पूरा किया।

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बता दें कि यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा के लिए कनिष्क ने पिछले साल के पेपर और टेस्ट सीरीज पर काफी फोकस किया था। बचपन से ही मैथ्स विषय में रुचि होने की वजह से कनिष्क ने मेन्स परीक्षा के लिए मैथमेटिक्स को ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना था। वह मेन्स परीक्षा के लिए हर रोज लगभग 13 से 14 घंटे तक पढ़ाई किया करते थे। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली थी। कनिष्क के अनुसार यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए मेहनत करना और सकारात्मक सोच रखना ज़रूरी है।



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