UPSC: हरप्रीत ने ग्रेजुएशन के आखिरी साल में ही तय कर लिया था कि उन्हें यूपीएससी परीक्षा पास कर एक IAS अधिकारी बनना है।
UPSC: हरप्रीत सिंह लुधियाना के रहने वाले हैं। उनके पिता एक बिज़नेसमैन और माता टीचर हैं। हरप्रीत ने ग्रीन ग्रोव पब्लिक स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की है। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद हरप्रीत ने इलेक्ट्रॉनिक्स से BE की डिग्री हासिल की है। हरप्रीत ने ग्रेजुएशन के आखिरी साल में ही तय कर लिया था कि उन्हें यूपीएससी परीक्षा पास कर एक IAS अधिकारी बनना है। अपने इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए हरप्रीत चंडीगढ़ चले गए और वहीं पर एक कोचिंग ज्वाइन करके पढ़ाई शुरू कर दी थी। इसी दौरान उन्हें आईबीएम कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करने का मौका मिला। नौकरी के साथ ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा का पहला अटेम्प्ट भी दिया था। नतीजा यह हुआ कि उन्होंने प्रिलिमनरी परीक्षा तो पास कर ली थी लेकिन आगे के चरणों को पार करने में असफल रहे थे। हालांकि, इस बात से निराश होने की जगह हरप्रीत ने अपनी तैयारी जारी रखी।
यूपीएससी परीक्षा के अलावा हरप्रीत अन्य परीक्षाओं में भी अपना हाथ आज़मा रहे थे और सेलेक्ट भी हो रहे थे। बता दें कि यूपीएससी परीक्षा के अगले दो अटेम्प्ट में हरप्रीत ने पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन किया और इंटरव्यू राउंड तक भी पहुंचे लेकिन सफल नहीं हो पाए थे। हालांकि, इसी बीच उनका चयन सीएपीएफ परीक्षा में हो गया। जिसके बाद उन्होंने बीएसएफ में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नौकरी ज्वाइन कर ली। सफलता और असफलता के बीच भी उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी थी।
इसी तरह साल 2018 के सिविल सेवा परीक्षा में हरप्रीत ने 454वीं रैंक प्राप्त की थी और उनका चयन इंडियन ट्रेड सर्विस के लिए हुआ था। जिसके बाद उन्होंने बीएसएफ की नौकरी छोड़ कर आईटीएस की नौकरी शुरू कर दी। फिर 2019 में यूपीएससी परीक्षा के पांचवें प्रयास में हरप्रीत ने 19वीं रैंक प्राप्त की और आखिरकार हमेशा का अपना सपना पूरा किया।
हरप्रीत का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में सभी विषयों को बराबर महत्व देना चाहिए। इसके साथ ही दृढ़ निश्चय के साथ मेहनत करें और किसी भी चीज़ से भटकने की जगह केवल अपने लक्ष्य पर फोकस करें। तैयारी के दौरान सकारात्मक रवैया और आत्मविश्वास बनाए रखना बेहद आवश्यक है।
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