UPSC: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओ में से एक हैं। परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले लाखों लोगों में से कुछ ही लोग सफल होते हैं। पेश है ऐसे ही एक शख्स की कहानी। यूपीएससी सिविल सेवा 2007 परीक्षा में शशांक मिश्रा ने 5वीं रैंक हासिल की थी। यह उन्होंने तब हासिल किया जब उनका परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था।

शशांक मिश्रा ने वर्ष 2007 में 5वीं रैंक के साथ UPSC Civil Services Examination उत्तीर्ण की। जब वे 12वीं कक्षा में पढ़ रहे थे तब उन्होंने अपने पिता को खो दिया था। शशांक उस समय 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ आईआईटी की तैयारी कर रहा था। अपने पिता की मृत्यु के बाद, उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा जिसके कारण उन्हें अपनी शैक्षणिक शुल्क का भुगतान करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। इन कठिनाइयों के अलावा, उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा को पास किया ।

शशांक मेरठ, यूपी के रहने वाले हैं और उनके पिता कृषि विभाग में डिप्टी कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद अपने भाई-बहनों की जिम्मेदारी संभाली। शशांक ने 12वीं कक्षा की परीक्षा पास करने के बाद IIT का एग्जाम दिया। इस परीक्षा में उन्हेंने 137वीं रैंक हासिल की। शशांक ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक पूरा किया।

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ग्रेजुएशन के बाद शशांक ने अमेरिका की एक मल्टी-नेशनल कंपनी में काम किया। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और वर्ष 2004 में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। शशांक को फिर से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा इसलिए वह रोजाना मेरठ से दिल्ली और वापस ट्रेन से यात्रा करते थे। इन संकटों के अलावा, उन्होंने पूरे समर्पण के साथ परीक्षा की तैयारी की। मेरठ से दिल्ली के सफर में करीब दो घंटे का समय लगा। शशांक ने उस समय का सदुपयोग ट्रेन में पढ़कर किया। उन्हें अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा था और उन्होंने खुद को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए समर्पित कर दिया। इस मेहनत के बल पर उन्होंने UPSC Exam में सफलता प्राप्त किया।

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