UPSC: यहां हम आपको हिमांशु जैन के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपनी गलतियों से सीख ली और यूपीएससी परीक्षा में चौथी रैंक प्राप्त कर अपने दादा का सपना पूरा किया था। हिमांशु जैन मूल रूप से हरियाणा के पलवल जिले के रहने वाले हैं। उनकी कक्षा 8 तक की पढ़ाई भी यहीं से हुई। फिर हिमांशु 13 साल की उम्र में दिल्ली आ गए और बाकी की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली के लवली पब्लिक स्कूल से प्राप्त की है। वह बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थे। उन्होंने कक्षा 10 में 10 CGPA और कक्षा 12 में 96.4% अंक हासिल किए थे। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद हिमांशु ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से इकोनॉमिक्स में बैचलर्स की डिग्री पूरी की थी। उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। यह उनके दादा का सपना था कि हिमांशु बड़े होकर एक आईएएस अधिकारी बनें।
इतने दृढ़ संकल्प के साथ पढ़ाई करने के बावजूद भी जब हिमांशु ने साल 2018 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी तो प्रीलिम्स क्लियर करने में भी असफल रहे थे। हालांकि, उन्होंने अपनी गलतियां पहचानी और उस पर काम किया। यूपीएससी परीक्षा के दूसरे अटेम्प्ट के लिए उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया और इस बदलाव ने असर भी दिखाया। हिमांशु ने साल 2019 में यूपीएससी के दूसरे अटेम्प्ट में न केवल यह परीक्षा पास की बल्कि टॉप भी किया। उन्होंने महज़ 23 साल की उम्र में अपने कठिन परिश्रम से इस परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की थी।
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हिमांशु ने प्रीलिम्स परीक्षा की तैयारी 50 -60 दिनों के अंदर पूरी कर ली थी। उन्होंने यूपीएससी मेन्स परीक्षा पर ज्यादा फोकस किया और इसमें भी वैकल्पिक विषय के लिए ज्यादा मेहनत की थी। हिमांशु का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए अपने संसाधन सीमित रखें लेकिन उसका रिवीजन बार-बार करना चाहिए। उनका कहना है कि कैंडिडेट्स को अपनी क्षमता के अनुसार रणनीति बनानी चाहिए और अपनी कमियों पर ध्यान देकर सुधार करना चाहिए।
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