UPSC: अपराजिता ने रांची के बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है।
UPSC: आज हम आपको बनारस की एक ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे जिन्होंने एक अच्छी नौकरी को ठोकर मार कर यूपीएससी की राह चुनी। इस सफर में उन्हें काफी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आखिरकार अपने तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त कर ली। आइए जानते हैं अपराजिता शर्मा के यूपीएससी सफर के बारे में।
अपराजिता बनारस की रहने वाली हैं। उनके पिता रिटायर्ड आईआरएस ऑफिसर हैं और उनकी माता एक प्रोफ़ेसर हैं। अपराजिता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी बनारस से प्राप्त की है। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने रांची के बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है। ग्रेजुएशन पूरा करते ही उन्होंने एक अच्छी कंपनी में नौकरी भी ज्वॉइन कर ली थी। इस दौरान उन्हें जबलपुर और मुंबई जैसे जगहों पर रहने का अवसर मिला। अपराजिता के अनुसार जब वह छोटी थीं तो उनके नाना अक्सर कहा करते थे कि अपराजिता एक दिन अफसर बनेंगी। नाना के द्वारा कही गई इस बात को अपराजिता बचपन में तो नहीं समझ पाईं थी लेकिन बड़े होने पर उन्होंने इसका महत्त्व जाना और फिर नौकरी के दौरान ही सिविल सेवा परीक्षा देना का मन बना लिया। फिर क्या था! उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और देश की सबसे कठिन परीक्षा क्रैक करने की तैयारी में जुट गईं।
यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए अपराजिता ने तीन प्रयास दिए। पहले दो प्रयासों में वह असफल रही थीं लेकिन इस बात से उन्होंने अपना हौसला कम नहीं होने दिया। वह कठिन परिश्रम और लगन के साथ पढ़ाई करती रहीं और फिर आखिरकार इस मेहनत का फल उन्हें मिल ही गया। अपराजिता ने साल 2017 में यूपीएससी परीक्षा के अपने तीसरे प्रयास में 40वीं रैंक प्राप्त की थी। उन्होंने अपने दृढ़ निश्चय से न केवल अपने परिवार वालों का नाम रोशन किया बल्कि अपने नाना का भी सपना पूरा कर दिखाया था।
अपराजिता का मानना है कि मेन्स, प्रीलिम्स और इंटरव्यू की तैयारी अलग अलग करने की जगह एक साथ ही करनी चाहिए। तैयारी के लिए सबसे ज़्यादा जरूरी है कि आप अपना बेसिक मजबूत रखें। इसके लिए आप एनसीईआरटी किताबों का सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा हर रोज़ का एक टारगेट सेट करें और उसे पूरा करने की कोशिश करें। साथ ही करंट अफेयर्स के लिए नियमित रूप से न्यूज़ पेपर पढ़ना बेहद ज़रूरी है।
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