यूपी के प्रयागराज में छात्रों और बेरोजगारों ने नौकरी के लिए आवेदन नहीं निकालने पर जमकर हंगामा किया। छात्रों की मांग है कि प्रदेश सरकार खाली पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकालने में देरी कर रही है। इसकी वजह से छात्र बेरोजगार बैठे हैं। छात्रों का कहना है कि रोजगार को मौलिक अधिकार बनाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि प्रदेश समेत देश भर में खाली पड़े 24 लाख पदों को भरने के लिए प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। ऐसा नहीं करने से उन छात्रों की उम्र निकलती जा रही है, जो ओवरएज होने की कगार पर है।

इसके पहले प्रयागराज पुलिस ने छात्रों को बालसन चौराहे पर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी। उन्हें सिविल लाइंस स्थित पत्थर गिरजाघर पर अनुमति दी गई थी। साथ में यह भी कहा गया था कि दोपहर बाद चार बजे तक अपना प्रदर्शन खत्म कर दें। आरोप है कि आंदोलनकारी छात्रों ने चार बजे के बाद भी प्रदर्शन जारी रखा और हटने से मना कर दिया। इस पर पुलिस ने बल प्रयोग करके सात छात्राओं समेत 22 लोगों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अनिल सिंह, राजेश सचान समेत एक अन्य छात्र को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।

छात्रों का कहना है कि 17 सितंबर 2020 को रोजगार के मुद्दे पर हुए आंदोलन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी रिक्त पदों को जल्द भरने की घोषणा की थी। इस मामले में सरकार की ओर से अभी तक कोई कोशिश नहीं की गई। छह महीने बीतने से छात्र परेशान हैं।

छात्रों का कहना प्रदेश में नौकरियों की भर्ती नहीं शुरू किए जाने से उनकी उम्र निकलती जा रही है। युवा बेरोजगार हैं। इससे वे डिप्रेशन के शिकार बन रहे हैं। सरकार से हम रोजगार मांगते हैं तो प्रशासन से हमें डंडे खाने के लिए विवश किया जाता है। हम प्रदर्शन करते हैं तो हमें जेल में डाल दिया जाता है। ऐसे में छात्रों के सामने अब कोई चारा नहीं बचा है।

छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया और जल्द ही नौकरियों की रिक्तियों को भरने की कोशिश नहीं की गई तो वे फिर आंदोलन करेंगे। कहा कि सरकारी विभाग में हजारों पदों पर जगह खाली है, लेकिन सरकार उनको भर नहीं रही है।

स्थानीय पुलिस का कहना है कि छात्रों को अपनी मांग रखने और विरोध प्रदर्शन करने के लिए जगह और समय दिया गया था, लेकिन वे तय समय सीमा से ज्यादा वक्त तक अपना धरना-प्रदर्शन करते रहे। इससे आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मजबूरन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया।



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