उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पुलिस विभाग में महिलाओं को अनिवार्य रूप से भर्ती की घोषणा की, ताकि उनका संख्या बल कुल पुलिस फोर्स का 20 प्रतिशत हो सके और वे राज्य की सुरक्षा में योगदान कर सकें। उन्होने कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए एक इंटर्नशिप योजना की भी घोषणा की। इंटर्नशिप योजना के तहत, छात्रों को विभिन्न तकनीकी संस्थानों और उद्योगों से जुड़े होने के बाद, 6 महीने के लिए मानदेय के रूप में 2,500 रुपये प्रति माह और एक साल की इंटर्नशिप मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने रविवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय में श्रम और रोजगार विनिमय विभाग द्वारा आयोजित एक नौकरी मेले में कहा, “उनकी इंटर्नशिप के पूरा होने के बाद, सरकार उनके प्लेसमेंट की व्यवस्था भी करेगी। उनके रोजगार को सुगम बनाने के लिए एक मानव संसाधन प्रकोष्ठ भी बनाया जाएगा। 2,500 रुपये मानदेय में से 1,500 रुपये केंद्र द्वारा दिए जाएंगे, जबकि राज्य 1,000 रुपये का योगदान देगा।”
उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास राज्य की प्रत्येक तहसील में एक आईटीआई और कौशल विकास केंद्र खोलने का है, जो हमारे युवाओं को एक मंच दे सके।” मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गोरखपुर, लखनऊ और बदायूं में पुलिस प्रशिक्षण स्कूल और गोरखपुर में राज्य की पहली पीएसी महिला बटालियन के परिसर की आधारशिला रखी और कहा कि पीएसी की तीन महिला बटालियन बनाई जाएंगी।
उन्होंने कहा, “लगभग 25 वर्षों से गोरखपुर में जमीन की कमी के कारण पुलिस प्रशिक्षण स्कूल नहीं था। आज, हम गोरखपुर बटालियन की आधारशिला रख रहे हैं। पीएसी की यह बटालियन महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब बीजेपी सत्ता में आई, तो यूपी पुलिस में 1.5 लाख पद खाली थे और पीएसी की 54 कंपनियों को समाप्त कर दिया गया था। इन भर्तियों को सुव्यवस्थित किया गया और पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता को 6,000 से बढ़ाकर 12,000 कर दिया गया है।”
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