यूपी में 69,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इस पर जब उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसमें कुल 1280 पदों पर विभिन्न कारणों से नियुक्ति रोकी गई है। केस-टू-केस मामलों की सुनवाई कर जल्द से जल्द निस्तारण का निर्देश दिया गया है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों का कायाकल्प किया जाएगा। बस्ती से इसकी शुरुआत करते हुए बीएसए जगदीश शुक्ल के प्रयासों को सराहा और बोले कि जिस तरह सभी परिषदीय स्कूलों को भौतिक व आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है, उसी तर्ज पर बीएसए कार्यालय का भी नवीनीकरण व सौंदर्यीकरण कराया जाएगा।
एक जून, 2020 को जारी मेरिट लिस्ट फाइनल है। उसमें बदलाव नहीं होगा। चार दिसंबर को जारी शासनादेश के कुछ बिंदुओं पर निर्णय भी बदला गया है। शासन स्तर पर विमर्श के बाद प्रकरण अब न्याय विभाग को भेजा गया है, जल्द ही बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट आदेश जारी होंगे। शिक्षक भर्ती के आवेदन में अभिलेखीय विसंगति को दूर करने के बारे में कार्यवाही करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी किया था। अभिलेख में विसंगति के कारण पहले दो चरणों की काउंसिलिंग से वंचित अभ्यर्थियों के लिए 9, 10 और 11 दिसंबर को काउंसिलिंग कराई गई थी। इसके बाद चुनिंदा प्रकरणों को शासन भेजा गया। जारी स्पष्टीकरण में जिला बदलने वाले अभ्यर्थियों को रोके जाने के संबंध में तो कहा गया है, किंतु जो अभ्यर्थी जिला नहीं बदल रहे, उनके संबंध में कोई आदेश नहीं है। वहीं, दूसरे बिंदु में कम प्राप्तांक और अधिक पूर्णांक के संबंध में स्पष्ट आदेश किया गया है।
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में एकलव्य विद्यालय खोले जाने की घोषणा की। इसके तहत यूपी के लखनऊ, बिजनौर, सोनभद्र व श्रावस्ती जिले में ये विद्यालय खोले जाएंगे। यूपी में अभी तक बहराइच व लखीमपुर खीरी में दो विद्यालय संचालित हो रहे हैं। प्रेसवार्ता में शिक्षा मंत्री ने कहा कि परिषदीय स्कूलों में माननीय व अफसरों के बच्चों के पढ़ने के सवाल पर बोले कि योगी सरकार के प्रयास से समय बदल रहा है। अब नो एडमिशन का बोर्ड परिषदीय स्कूलों के बाहर भी लगने लगा है।
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