Unified Pension Scheme News: यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) एक नई केंद्रीय पेंशन योजना है जिसका ऐलान पिछले साल (2024) में नरेंद्र मोदी सरकार ने किया था। 1 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाली इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन सुरक्षा देना है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत यह योजना मुख्य रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए बनाई गई है, लेकिन भविष्य में इसे राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी बढ़ाया जा सकता है।
अगर आप सरकारी नौकरी करते हैं और पहले से NPS अकाउंट है तो आपको UPS चुनने का विकल्प मिलेगा।
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यूपीएस के तहत, यदि आपने कम से कम 25 वर्षों तक काम किया है, तो आपको सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यदि आपकी सेवा 10 वर्ष से अधिक है, तो आपको कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी। यदि पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को आखिरी पेंशन का 60% पारिवारिक पेंशन के तौर पर मिलेगा।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) है क्या: What is the National Pension System (NPS)?
2004 में, सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को बंद कर दिया और NPS की शुरुआत की। शुरुआत में यह केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए थी, लेकिन 2009 में, इसे सभी नागरिकों, NRI, स्व-रोज़गार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए उपलब्ध करा दिया गया।
NPS कैसे काम करता है?
कर्मचारी अपने वेतन से एक निश्चित राशि कटवाते हैं और इसे मार्केट बेस्ड इन्वेस्टमेंट स्कीम (market-based investment schemes) में निवेश करते हैं।
सेवानिवृत्ति के समय, निवेश की गई धनराशि का 60% एकमुश्त निकाला जा सकता है, और शेष 40% को ऐन्युटी में अनिवार्य रूप से निवेश करना होता है, जो आपको मासिक पेंशन देता है।
OPS से अलग, NPS में पेंशन के तौर पर किसी फिक्स्ड अमाउंट की गारंटी नहीं मिलती है। लेकिन अमाउंट पूरी तरह से स्टॉक मार्केट की परफॉर्मेंस और दूसरे निवेश पर निर्भर करता है।
ओल्ड पेंशन स्कीम क्या थी?
NPS से पहले सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद Old Pension Scheme के तहत पेंशन मिलती थी।
ओपीएस के तहत सभी सरकारी कर्मचारियों को उनके आखिरी वेतन के आधार पर पेंशन मिलती थी। यह पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित था – यानी, कर्मचारी को कोई योगदान नहीं देना था। पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत हर साल दो बार महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने की सुविधा थी। पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद परिवार को भी पेंशन मिलती थी।
लेकिन सरकार को लगा कि यह सिस्टम लंबे समय तक वित्तीय रूप से टिकाऊ नहीं है, इसलिए इसे दिसंबर 2003 में बंद कर दिया गया और NPS पेश किया गया। हालांकि, बाद में मजदूर संघों और कर्मचारी निकायों द्वारा देश भर में विरोध प्रदर्शन और आंदोलन शुरू करने के बाद कई राज्य सरकारों ने OPS को फिर से लागू कर दिया। लेकिन केंद्र ने ओपीएस की बहाली की उनकी मांग नहीं मानी।
UPS, NPS और OPS में बेहतर पेंशन स्कीम कौन सी है?
UPS: यह ओपीएस और एनपीएस का मिश्रण है – यह निश्चित पेंशन, न्यूनतम पेंशन गारंटी और पारिवारिक पेंशन देता है।
इस स्कीम में सरकार और कर्मचारी दोनों को योगदान देना होगा ताकि फंड मजबूत रहे। जो लोग गारंटीड और स्थायी पेंशन चाहते हैं, यह स्कीम उनके लिए है।
NPS: इसमें सरकार कोई गारंटी नहीं देती, लेकिन बाजार के अच्छे प्रदर्शन से ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
जो लोग निवेश को समझते हैं उन्हें लंबी अवधि में अधिक फायदा हो सकता है। जोखिम ज्यादा है क्योंकि पेंशन राशि बाजार पर निर्भर करती है।
OPS: यह सबसे ज्यादा फायदेमंद स्कीम थी, क्योंकि इसमें सरकार पूरी पेंशन देती थी और DA भी बढ़ जाता था।
लेकिन सरकार अभी इसे वापस लाने के मूड में नहीं है, क्योंकि इससे सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।
आपके लिए कौन-सी पेंशन स्कीम सही है: Which pension option is right for you?
अगर आप एक निश्चित मासिक पेंशन चाहते हैं और कोई बाजार जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो यूपीएस आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
अगर आपके रिटायरमेंट के लिए 10-20 साल बचे हैं और आप बाजार से ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं तो एनपीएस आपके लिए बेहतर हो सकता है।
यदि OPS वापस आता है, तो कर्मचारी अधिक खुश होंगे क्योंकि यह योजना हर साल दो डीए बढ़ोतरी के साथ एक निश्चित पेंशन की बिना शर्त गारंटी देती है।
इसी तरह, यूपीएस एक सुरक्षित पेंशन विकल्प है, जबकि एनपीएस में हाई रिटर्न की संभावना है लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए आपको जोखिम सहने की क्षमता और जरूरतों के आधार पर निर्णय लेना चाहिए।
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