UGC New Guidelines for University Exams 2020: सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से सितंबर के अंत तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के अपने फैसले के खिलाफ छात्रों के एक समूह द्वारा दायर याचिका पर जवाब मांगा है। दायर की गई याचिका में छात्रों ने कोर्ट से परीक्षा रद्द करने की मांग की है। याचिका दायर करने वाले छात्रों में से एक COVID19 संक्रमित भी है। हालांकि, यूजीसी के संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालयों को सितंबर के अंत तक टर्म-एंड परीक्षा आयोजित करनी जरूरी है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिका पर यूजीसी और केंद्र द्वारा जवाब दाखिल किया जाए और मामले को 31 जुलाई को सुनवाई के लिए टाला जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया, जिसमें जस्टिस आरएस रेड्डी और एमआर शाह भी शामिल हैं, समस्‍या केवल अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर है और देश के 800 से अधिक विश्वविद्यालयों में से 209 में परीक्षाएं पूरी कर भी ली गई हैं।

यूजीसी ने अपने संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिससे अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करना अनिवार्य हो गया है। आयोग के इस निर्णय की व्यापक रूप से आलोचना की गई है। जबकि भारत भर के छात्र और शिक्षाविद आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर बड़े पैमाने पर पदोन्नति की मांग कर रहे हैं, यूजीसी ने अपना रुख बनाए रखा है। बॉम्बे हाईकोर्ट को संबोधित करते हुए, यूजीसी ने कहा था, “अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने का निर्णय सीधे भारत में उच्च शिक्षा के मानकों को प्रभावित करेगा।”

यूजीसी के पूर्व प्रमुख, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पत्र लिखकर परीक्षा रद्द करने की मांग की है। UGC ने अपने बचाव में कहा है कि विश्वविद्यालयों को परीक्षा का मोड चुनने की स्वतंत्रता है। वह चाहें तो फिजिकल एग्‍जाम की जगह ऑनलाइन या मिश्रित एग्‍जाम भी करा सकते हैं।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। में रुचि है तो




सबसे ज्‍यादा पढ़ी गई





Source link