UPSC: ओटीटी प्लेटफार्म पर कई वेब सीरीज आती हैं परंतु कुछ दर्शकों पर छाप छोड़ जाती हैं। ऐसी ही एक वेबसीरीज है TVF की Aspirants। इस वेब सीरीज में UPSC की तैयारी कर रहे कुछ दोस्तों की कहनी दिखाई गई है। साथ ही यह सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी को बारीकी से दिखाती है। इसी वेब सीरीज में एक संस्थान के बारे मे बताया गया है जिसका नाम है LBSNAA। जानते हैं क्या है यह संस्थान और कौन ले सकता है इसमें ट्रेनिंग

सिविल सेवा की तैयारी करने वाले Aspirant का ख्वाब होता है लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में जाना। क्यूंकि इस संस्थान में वही जा सकते हैं जो UPSC सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता पाते हैं। इस संस्थान में UPSC Civil Services में सफल उम्मीदवारों को ट्रेनिंग दी जाती है। यह संस्थान उत्तराखंड के मसूरी में स्थित है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस संस्थान में बेहद कड़े नियम हैं जिनमें से एक नियम है फोन के इस्तेमाल की मनाही। इसके साथ ही कई अन्य चीजों पर भी प्रतिबंध है। इस संस्थान का एक एंथम भी है जिसे प्रसिद्ध बंगाली संगीतकार अतुल प्रसाद सेन ने कंपोज किया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस संस्थान में भूटान, म्यंमार के कुछ सिविल सर्वेंट्स की भी ट्रेनिंग होती है। ये तीन महीने की ट्रेनिंग लेते हैं। इस संस्थान में ट्रेनिंग करने वालों को केवल फॉर्मल ड्रेस पहनने की अनुमति होती है।

LBSNAA में किसी अन्य लोगों को आने की इजाजत नही होती है। इस एकेडमी में जाने के सिर्फ दो ही तरीके हैं या तो आप UPSC Civil Services एग्जाम पास करिए या आपको अकेडमी में गेस्ट स्पीकर के तौर पर बुलाया जाए।

15 अप्रैल, 1958 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत नें मंसूरी के चारलेविल एस्टेट में राष्ट्रीय अकादमी स्थापित करने का फैसला किया था। उस समय इसका नाम नेशनल अकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन रखा गया था। बाद में 1973 में इसका नाम बदल कर लाल बहादुर शास्त्री अकादमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन कर दिया गया। 1973 में इसमें नेशनल शब्द को जोड़ कर “लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन” कर दिया गया।



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