आसमां को छूना है तो बनना होगा स्किल्ड, नए अवसरों के लिए नई चुनौतियों का करना होगा मुकाबला

आज के दौर में दुनिया में लगातार बदलाव का माहौल है। हर जगह अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता (Volatility, uncertainty, complexity and ambiguity-VUCA) है। हर काम में तेजी की जरूरत बढ़ती जा रही है। व्यापार भी इससे अछूता नहीं है। स्थापित व्यापारिक कंपनियों, स्टार्ट-अप्स और यूनिकॉर्न में अब तकनीकी कौशल और लचीले पेशेवराना रवैए की मांग बढ़ी है। महामारी के दौरान अधिकतर संस्थाओं के कारोबार संचालन, आईटी सिस्टम्स और डिजिटल क्षमता में जबर्दस्त भागमभाग की स्थिति देखी गई। अब हाल यह है कि बाजार में टिकने के लिए, खुद को बनाए रखने के लिए संगठनों की रणनीति, संस्कृति और नेतृत्व को 360 डिग्री परिवर्तन से गुजरना होता है।

इस बीच डिजिटल क्रांति ने कारोबारी माहौल को और अधिक जटिल बना दिया है, जिसमें मशीनी लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मेक्ट्रोनिक्स, क्रिप्टो करेंसी, एनएफटी (नॉन फंगिबल टोकन) मार्केटप्लेस जैसे नवीनतम रुझान और कई अन्य तरह की चीजों में करियर के अवसरों का एक विस्तृत क्षेत्र खोलने की क्षमता है। मेटावर्स जैसे नए ट्रेंड ने हमें और दुनिया भर में तैनात हमारे सहयोगियों को साथ बैठने तथा नेटवर्किंग और टीम वर्क की अवधारणा को अभूतपूर्व रूप से बदल दिया है।

केपीएमजी 2021 के सीईओ आउटलुक पल्स सर्वे (KPMG 2021 CEO Outlook Pulse Survey) के अनुसार, लगभग 74 प्रतिशत कारोबारी हस्तियों ने माना कि उन्होंने अपने कार्य संचालन को पहले ही डिजिटल कर दिया है। इन हालातों से ‘नौकरी देने वालों’ और ‘नौकरी चाहने वालों’ पर समान रूप से दूरगामी प्रभाव पड़ा है। नियोक्ताओं के लिए स्थान अब कोई बाधा नहीं रह गया है। ‘कहीं से भी काम करने’ की क्रांति ने नियोक्ताओं को दुनिया भर में एक प्रतिभा पूल उपलब्ध कराया है।

कंपनियों को अब खास भौगोलिक क्षेत्रों में सक्षम कर्मचारियों के लिए किसी तरह की प्रतियोगिता करने की जरूरत नहीं है, न ही उन्हें कर्मचारियों के तबादले में भारी-भरकम खर्च करने की जरूरत है। क्योंकि अब उनके पास दुनिया में कहीं पर भी कुशल और प्रतिभावान लोगों को पाने का विकल्प मौजूद है और वह भी काफी कम खर्च पर।

हालांकि कर्मचारियों के लिए यह वास्तव में एक दोधारी तलवार है, क्योंकि वर्तमान समय की अधिकतर नौकरियां कल बेमानी हो जाएंगी, जबकि आने वाले समय में खुलने वाली अधिकतर नई नौकरियां आज मौजूद नहीं हैं। आने वाले वर्षों में, गलाकाट प्रतियोगिता के माहौल में कई करोड़ नए उम्मीदवार नौकरी के बाजार में प्रवेश करने के लिए होड़ में होंगे।

इस माहौल में सबसे खास बात यह है कि अगर किसी छात्र में नई तकनीकी कौशल और क्षमता नहीं है, तो वह नई तरह की नौकरियों के लिए प्रतियोगिता में सफल नहीं हो सकता है। आज के डिजिटल युग में आ रहे असंख्य चुनौतियों के साथ-साथ अवसरों के अनुकूल छात्र को तैयार करना भी शिक्षकों की प्रमुख जिम्मेदारी है। और उभरते प्रोफेशनल्स को उनके आगे के करियर के लिए जरूरी स्किल से दक्ष करना होगा।

हमारी सरकारें भी हमसे उम्मीद करती है कि उच्च शिक्षा संस्थान ऐसे ग्रेजुएट तैयार करें जो ‘काम के लिए हों’ और जो अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकें। दुर्भाग्य से आंकड़े बताते हैं कि अधिकतर मौजूदा शैक्षणिक संस्थान ऐसे छात्र पैदा कर रहे हैं, जिनमें रोजगार के बाजार के लिए जरूरी व्यावसायिक कौशल नहीं है और वे सिर्फ किताबी ज्ञान या अकादमिक विषयों को पढ़कर पास हो रहे है।

अपनी 32 वर्षों की विरासत का व्यापक ध्यान रखते हुए आईएमएस गाजियाबाद युवा दिमाग को 21वीं सदी के मुताबिक कार्यस्थल के कौशल से दक्ष करने के लिए शिक्षण, प्रशिक्षण, अनुसंधान और परामर्श पर हमेशा जोर देता है। यहां उद्योग 4.0 के लिए कुशल और प्रशिक्षित पेशेवरों को विकसित करने की आवश्यकता के अनुरूप, छात्रों में सामग्री कौशल, संज्ञानात्मक क्षमता, जटिल समस्या-समाधान क्षमता, सामाजिक कौशल और पर्यावरण के प्रति जागरूक सोच विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

कौशल वृद्धि के लिए कई नए और अभिनव पहल जैसे वैल्यू एडेड सर्टिफिकेशन प्रोग्राम, वैल्यू एडेड शार्ट टर्म प्रशिक्षण कार्यक्रम, नवाचार केंद्र और उद्यमिता, छात्र आउटरीच, योग्यता मानचित्रण; जीवन कौशल विकसित करने के लिए पहल; व्यावसायिक कौशल कार्यक्रम, सलाह, छात्र मनोवैज्ञानिक परामर्श कार्यक्रम, विभाग क्लब; प्लेसमेंट रेडीनेस एन्हांसमेंट प्रोग्राम, सीएसआर गतिविधियां, प्लेसमेंट पूर्व तैयारी समिति, कॉर्पोरेट इंटरफेस सीरीज जैसी कॉर्पोरेट तैयारी पहल; विशिष्ट टॉक सीरीज़, वैश्विक शैक्षणिक सहयोग, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन यात्रा के माध्यम से वैश्विक इंटरफ़ेस पहल; कॉर्पोरेट इंटरफेस पहल जैसे कॉर्पोरेट विकास और उत्कृष्टता केंद्र, एआईसीटीई प्रायोजित कार्यक्रम, सम्मेलन और कई अन्य पीजीडीएम कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं।

ब्लूम की टैक्सोनॉमी की टॉप सिस्टम के आधार पर कारोबारी माहौल की गतिशील जरूरतों को पूरा करने के लिए उद्योग और शिक्षा जगत के दिग्गजों के सहयोग से हमारे पाठ्यक्रम को लगातार अपडेट किया जाता है। अनुसंधान को बढ़ावा देने, शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से संस्थान कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करता है और उनके साथ गठजोड़ किया है। आज के युग की जरूरतों के मुताबिक युवा पीढ़ी को तैयार करने, उनमें सीखने और नई जानकारी लेने की क्षमता विकसित करने तथा ज्ञान और कौशल को ग्रहण करने की उत्सुकता पैदा करने जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेष तौर पर जोर दिया जाता है।

छात्रों को यह समझना होगा कि सीखने का गुण विकसित करना समय की जरूरत है। इसको जानने से वे अनिश्चितता को समझने तथा अतीत और वर्तमान के अनुभवों का बुद्धिमानी से उपयोग करके नए तरह के हालातों में अपना रास्ता निकालने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, यह बेहद जरूरी है कि छात्र, जो हमारे देश का भविष्य हैं, बिना किसी सीमा के खुलकर अपने पंख फैलाए, ताकि वह अपने अंदर छिपी क्षमता की विशालता का अनुभव कर सकें। युवाओं को यह महसूस कराना कि वे योग्य हैं, उनमें क्षमता है और वे खुद से बड़ी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं जैसे कार्य और प्रशिक्षण पर जोर दिया जाता है। अगर युवा पीढ़ी को इससे दूर रखा गया तो यह सामाजिक अस्थिरता का बीज ही बोएगा।

आर्थिक इंजन को पटरी पर लाने के साथ, उच्च शिक्षण संस्थानों को उत्पादक और रोजगार योग्य पेशेवरों को तराशने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका पर पुनर्विचार करना होगा।

चूंकि संस्थाएं गतिशील वक्त में नई चुनौतियों का सामना कर रही हैं, प्रबंधन शिक्षा क्षेत्र की संस्थाओं को विकास की तरफ बढ़ने, गठजोड़ करने की भावना तथा शिक्षा और कौशल की तरफ आगे की सोच को अपनाना होगा। आने वाले समय में नए युग में क्या मोड़ आएगा, इसका अंदाजा किसी को नहीं है, लेकिन जैसे-जैसे दुनिया तेजी के साथ कदम मिला रही है, शिक्षकों को समझदारी से कूदने या कमर कसने और अवसर का फायदा उठाने के बीच रणनीतिक चुनाव करना होगा।




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