इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद़यालय (इग्नू) पहली बार पर्यावरण विज्ञान में मास्टर आॅफ साइंस (एमएससी) का डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। शैक्षणिक सत्र जनवरी-2021 से शुरू होने वाले इस पाठ्यक्रम को इग्नू में ‘स्कूल आॅफ इंटर-डिसिप्लिनरी एंड ट्रांस-डिसिप्लिनरी स्टडीज’ की ओर से मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) के माध्यम से पेश किया जा रहा है।

किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री प्राप्त विद्यार्थी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। विद्यार्थियों को इग्नू की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन देना होगा। आवेदन करने की अंतिम तारीख 28 फरवरी है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य बढ़ती पर्यावरण और विकासात्मक समस्याओं से निपटने के लिए कुशल मानव-शक्ति तैयार करना है।

यह कार्यक्रम सामाजिक-आर्थिक कारणों और प्रदूषण की विशेषताओं और प्राकृतिक पर्यावरण के क्षरण की जानकारी देगा, जिसमें मानव, वायुमंडल, पारिस्थितिकी तंत्र और अन्य जीवों पर प्रभाव शामिल हैं। यह कार्यक्रम पर्यावरण के मुद्दों पर स्वतंत्र आकलन की क्षमता विकसित करने के लिए शिक्षार्थियों को आवश्यक साधन मुहैया करेगा।

इसके अलावा शिक्षार्थियों को पर्यावरण प्रणालियों और समस्याओं का विश्लेषण और आकलन करने के लिए अच्छी तरह से तैयार किया जाएगा। इससे विद्यार्थी पर्यावरण नियोजन के लिए नीतियों और रणनीतियों के विकास में योगदान कर सकेंगे। चार सेमेस्टर में पाठ्यक्रम पूरा होगा और इसके लिए 15 हजार रुपए फीस तय हुई है। पहले सेमेस्टर में प्रवेश शुल्क के अलावा 200 रुपए पंजीकरण शुल्क भी देना होगा।

आज शाम तक सीबीएसई परीक्षाओं के लिए आवेदन

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने निजी उम्मीदवारों के लिए दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए पंजीकरण खोल रखे हैं। 2021 में दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में शामिल होने वाले निजी उम्मीदवार सीबीएसई की वेबसाइट पर आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। निजी उम्मीदवारों के लिए आॅनलाइन आवेदन विंडो 25 फरवरी, 2021 को शाम पांच बजे तक खुली रहेगी।

पिछले दिनों कई उम्मीदवारों से अनुरोध मिले थे कि वे परीक्षा 2021 के लिए निजी उम्मीदवारों के रूप में अपना परीक्षा फॉर्म नहीं भर पा रहे थे। इसके मद्देनजर सीबीएसई ने इन उम्मीदवारों को आॅनलाइन फॉर्म भरने के लिए अंतिम अवसर प्रदान करने का फैसला किया है। सीबीएसई दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा चार मई से दस जून 2021 तक आयोजित की जाएगी। प्रयोगात्मक परीक्षाएं एक मार्च से शुरू होंगी।

एक साथ दो डिग्री कर सकेंगे विद्यार्थी

भारतीय एवं विदेशी उच्च शिक्षण संस्थान जल्द ही संयुक्त या दोहरी डिग्री दे सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इन शिक्षा कार्यक्रमों के नियमों से संबंधित मसौदे को अंतिम रूप दिया है। हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय मसौदे को लेकर मिलने वाली प्रतिक्रिया के बाद लिया जाएगा जिसे सार्वजनिक किया गया है।

यूजीसी (भारतीय एवं विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा संयुक्त डिग्री, दोहरी डिग्री, दोहरे पाठ्यक्रम के लिए शैक्षणिक गठजोड़) नियमावली-2021 मसौदे के मुताबिक, भारत के उच्च शिक्षण संस्थान दोहरी डिग्री प्रदान करने को लेकर समकक्ष विदेशी शिक्षण संस्थानों के साथ समझौता कर सकेंगे। इसके मुताबिक, ये नियम आॅनलाइन, मुक्त और दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के शिक्षा कार्यक्रमों में लागू नहीं होंगे।

मसौदा में कहा गया है कि कोई भी ऐसा भारतीय शिक्षण संस्थान, जो राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद से मान्यता प्राप्त हो और जिसे न्यूनतम 3.01 अंक प्रदान किए गए हैं या जो नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में 100 शीर्ष विश्वविद्यालय में शामिल हैं या जो इंस्टीट्यूशन आॅफ एमिनेंस की श्रेणी में आते हैं, वे टाइम्स हायर एजुकेशन या क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में शामिल शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों से स्वत: ही करार कर सकते हैं, जबकि अन्य भारतीय एवं विदेशी संस्थानों जिन्हें अपने-अपने देश की मूल्यांकन एवं प्रत्यायन एजंसी से मान्यता मिली है, उन्हें समझौता करने के लिए यूजीसी की मंजूरी लेनी होगी।

प्रस्तावित नियमावली के मुताबिक, साझेदारी के तहत दी गई डिग्री या डिप्लोमा भारतीय उच्च संस्थानों द्वारा दी जाने वाली डिग्री एवं डिप्लोमा के समकक्ष होगा और किसी प्राधिकरण द्वारा इसे समकक्ष घोषित करने की जरूरत नहीं होगी।



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