कोरोना वायरस महामारी के काल में अगर मदद के बारे में बात होती है तो सबसे पहले बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद का नाम आता है। रील लाइफ के हीरो ‘कोरोनाकाल 2020’ में रियल हीरो बन गए हैं। सोनू सूद ने इस मुश्किल समय में न सिर्फ प्रवासी मजदूरों बल्कि छात्रों की भी कई तरह से मदद की है। इनमें NEET की परीक्षा देने वाले छात्रों से लेकर विदेशों के स्कूल और कॉलेज में पढ़ने की इच्छा रखने वाले गरीब छात्र भी शामिल हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं सोनू सूद खुद भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। आइए जानते हैं रियल हीरो के बारे में कुछ ऐसी बातें जो आप शायद ही जानते होंगे।

दरअसल, COVID-19 महामारी के शुरुआती दिनों हर किसी पर एक आफत आ गई थी। सरकार ने संक्रमण को तैजी से फैलता देख पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया था। इसके कुछ दिन बाद ही कामकाग ठप्प पड़ने की वजह से प्रवासी मजदूरों को अपने घर लौटने पर मजबूर होना पड़ा। वे छोटे बच्चों और पूरे परिवार के साथ लंबी-लंबी दूरी पैदल तय करने लगे। ऐसे में सिनेमा में विलेन का किरदार निभाने वाले सोनू सूद ने मदद के लिए आगे आए। उन्होंने घर लौटने रहे मजदूरों के लिए बसों, खाना-पानी, रुपया, रहना से लेकर हर तरह की मदद की। किर्गिस्तान और रूस से छात्रों को वापस घर ले आए। उन्होंने बिहार और झारखंड के 1,500 छात्रों के लिए उड़ान की व्यवस्था करने में मदद की, जो किर्गिस्तान में फंसे थे, और रूस से दिल्ली और चेन्नई जाने वाले लगभग 101 छात्र थे। मदद मांगे के लिए टोल फ्री नंबर और उसके संचालन के लिए कॉल सेंटर तैयार किया।

हाल ही में, उन्होंने विदेशों के स्कूल और कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई करने का सपना देख रहे गरीब बच्चों के लिए 5 लाख रुपये की स्कॉलरशिप SONUISM.ORG लॉन्च की है। सोनू सूद ने इस साल JEE और NEET 2020 परीक्षाओं के लिए यात्रा करने वाले छात्रों को मुफ्त परिवहन और आवास सेवाएं देकर भी मदद की थी। मदद पाने वाले लोग हों या मदद के बारे में सुनने वाले लोग, उन्हें भगवान का भेजा हुआ मसीहा मान रहे हैं। यही वजह है कि, तेलंगाना के Dubba Tanda में लोगों ने सोनू सूद के लिए एक मंदिर का निर्माण किया है।

मंदिर में सोनू सूद की मूर्ति भी लगाई जाएगी। इस पर रिएक्ट करते हुए एक्टर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि, ‘ये मेरे लिए बहुत ज्यादा खुशी की बात है लेकिन मैं ये सब मैं डिजर्व नहीं करता।’

बता दें कि, सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई, 1973 को पंजाब के मोगा में शक्ति सागर सूद और सरोज सूद के घर हुआ था। उनके पिता शक्ति सागर सूद एक व्यापारी हैं, जबकि उनकी मां टीचर हैं। उनकी दो बहनें हैं- मोनिका सूद, जो सोनू सूद से बड़ी हैं और एक साइंटिस्ट हैं, जबकि उनकी छोटी बहन मालविका सच्चर हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेक्रेड हार्ट स्कूल, मोगा से की। उन्होंने यशवंतराव चव्हाण कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, नागपुर से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है।

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