मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने अगस्त के बाद स्कूल और कॉलेज खोलने की बात कही है। लगभग 33 करोड़ छात्रों को फिर से स्कूल और कॉलेजों के खोलने का इंतजार है। कोरोनावायरस COVID-19 महामारी और लॉकडाउन के बीच ये दूसरी बार है जब स्कूल, कॉलेज खुलने को लेकर मंत्री ने छात्रों की कनफ्यूजन दूर करने की कोशिश की है। इससे पहले, 14 मई 2020 को ‘Acharya Devo Bhava’ वेबिनार में देशभर के शिक्षकों से लाइव संवाद के दौरान उन्होंने अगस्त या सितंबर में स्कूलों के फिर से खुलने की बात कही थी। मंत्री ने आचार्य देवो भव: से लाइव सवांद का विडियो ट्विटर पर भी शेयर किया था।
दरअसल, एचआरडी मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने बीबीसी न्यूज हिंदी यूट्यूब चैनल को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि 16 मार्च के बाद से बंद हुए स्कूल और कॉलेज अगस्त 2020 के बाद फिर से खोले जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘देश के प्रधानमंत्री बार बार कहते हैं कि यदि बड़ी चुनौती हो और उस चुनौती का डटकर सामना किया जाए तो वह चुनौती अवसर में भी बदल सकती है। शिक्षा मंत्रालय ने इसकी कोशिश की कि जो छात्र घर पर हैं उनको हम ऑनलाइन शिक्षा दे सकें। मुझे इस बात की खुशी है कि हम लोगों ने बच्चों और अभिभावकों को निराश नहीं होने दिया, और पूरा देश हम ऑनलाइन पर लाए हैं।’
‘निशंक’ ने ट्विटर कर यह भी बताया है कि, जो छात्र इंटरनेट के जरिए पढ़ाई नहीं कर सकते हैं उन्हें दूरदर्शन और रेडियो के उपयोग द्वारा उन छात्रों को भी शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिलेगा। इससे पहले उन्होंने कहा था कि 32 SWAYAM प्रभा चैनलों को DTH पर 24X7 प्रसारित किया जा रहा है और यह DD, DISH TV, TATA Sky और Reliance Jio चैनल पर भी उपलब्ध हैं। एनसीईआरटी 42 लाख शिक्षकों को ब्लॉक स्तर तक प्रशिक्षण दे रहा है।
स्कूल और कॉलेज खुलने को लेकर क्या हो सकते हैं प्लान
– स्कूल खुलने के बाद, शिक्षकों और छात्रों की सेहत का पूरा ख्याल रखना पहली जिम्मेदारी होगी।
– यूजीसी एक टास्क फोर्स तैयार करेगी और एनसीआरटी की गाइडलाइंस को ध्यान में रखा जाएगा।
– स्कूल और कॉलेज 30% उपस्थिति के साथ खोले जा सकते हैं जबकि कक्षा 8 से नीचे यानी छोटे बच्चे घर पर ही रहेंगे।
– ग्रीन और ऑरेंज जोन में आने वाले शैक्षिक संस्थानों को फिर से खोला जाएगा।
– सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और एक साथ कम से कम उपस्थिति के लिए, स्कूल दो शिफ्ट में होगा।
– शिक्षकों को मास्क के साथ दस्ताने पहनना भी जरूरी होगा।
– स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगाए जाएंगे।
– क्लास में केवल तीन सीट वाले डेस्क पर दो छात्र ही बैठेंगे।
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