डायबिटीज एक ऐसी समस्या है जो बहुत तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। एक बार किसी के शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाए तो इसे कंट्रोल करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण हो जाता है। डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है, जिसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, डायबिटीज की समस्या होने से पहले की स्थिति प्री डायबिटीज की होती है, जिसे समय रहते कंट्रोल किया जाए तो आसानी से डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है। भारतीय योग गुरु, लेखक, शोधकर्ता और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र (Hansa Yogendra) के मुताबिक, अगर समय रहते डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया जाए, तो यह दिल, किडनी और लंग्स के लिए हानिकारक हो सकता है।

दरअसल, दो तरह की डायबिटीज होती है एक टाइप-1 डायबिटीज और दूसरी टाइप-2 डायबिटीज। टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज दोनों ही खून में शुगर लेवल के बढ़ने से संबंधित हैं, लेकिन उनके कारण और उपचार अलग-अलग होते हैं। टाइप-1 में शरीर इंसुलिन का उत्पादन ही नहीं करता, जबकि टाइप-2 में शरीर इंसुलिन का ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता।

टाइप-1 डायबिटीज

यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं (बीटा कोशिकाओं) पर हमला कर देती है, जिससे इंसुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है।

टाइप-2 डायबिटीज

टाइप-2 डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जिसमें खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव जिम्मेदार है। इस डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना कम कर देता है, जिससे ब्लड में शुगर का लेवल हाई होने लगता है। डायबिटीज के लक्षणों को अगर समय रहते कंट्रोल कर लिया जाए तो आसानी से इस परेशानी से बचाव किया जा सकता है।

कैसे करें डायबिटीज को रिवर्स

डॉक्टर हंसा योगेंद्र के मुताबिक, कुछ चीजों को अपनी लाइफ में शामिल करने से न सिर्फ शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है, बल्कि डायबिटीज को रिवर्स भी किया जा सकता है। चलिए आपको बताते है शुगर को रिवर्स करने के लिए क्या करना चाहिए?

शरीर में नहीं होने दें पानी की कमी

दरअसल, शुगर की समस्या होने पर बार-बार पेशाब आता है। बार-बार पेशाब जाने की समस्या के चलते शरीर में पानी की कमी हो सकती है। जिसके चलते शरीर को काफी नुकसान हो सकता है। शरीर में पानी की सही मात्रा बनी रहने पर किडनी अतिरिक्त शुगर के लेवल को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करती है।

खानपान में बदलाव करें

शुगर कंट्रोल करने के लिए अपनी खानपान की आदतों को बदलना बहुत ही आवश्यक है। सही खानपान न सिर्फ शरीर पर अच्छा असर करता है, बल्कि कई बीमारियों से बचाव करता है। अगर, आप शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो बैलेंस डाइट का सेवन करें।

मैंगनीज से भरपूर खानपान

मैंगनीज से भरपूर डाइट भी मधुमेह यानी डायबिटीज की स्थिति को काबू में करने में मदद कर सकती है। दरअसल, मैंगनीज इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है, जिससे पेशेंट का ब्लड शुगर लेवल मैनेज रहता है। इस तरह से ये डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

योग करें

कई हेल्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगासन का नियमित अभ्यास नेचुरल तरीके से शरीर में इंसुनिल का उत्पादन बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। इसके लिए आप धनुरासन का अभ्यास कर सकते हैं। धनुरासन पेनक्रियाज को सक्रिय कर देता है, जिससे इंसुलिन स्पाइक का खतरा कम हो जाता है।

वहीं, न्यूट्रिशनिस्ट प्रियांशी भटनागर ने वजन कम करने के लिए कीवी के छिलके को फायदेमंद बताया है। कीवी का छिलका पूरी तरह से खाने योग्य होता है और इसमें कोई जहरीला रसायन नहीं होता। इसमें फ्लेवोनोइड्स, अघुलनशील फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीएलर्जेनिक मिश्रण होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है।




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