RSS Akhil Bharatiya Pratinidhi Sabha 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की 21 से 23 मार्च तक बेहद अहम बैठक होने जा रही है। यह बैठक बेंगलुरु के चन्ननहल्ली में आयोजित होगी। बैठक को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि इसमें बांग्लादेश सहित कई और देशों में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर मंथन होगा। साथ ही इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा।

The Indian Express को मिली जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश में बीते साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार के सत्ता से हटने के बाद वहां हिंदुओं पर हुए हमले को लेकर भी ABPS की बैठक में चर्चा होगी। संघ की ओर से न केवल हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा की जाएगी बल्कि यह भी मांग की जाएगी कि उनकी सुरक्षा के लिए मजबूत तंत्र बनाया जाए।

बताना होगा कि बांग्लादेश के अलावा कनाडा में भी हिंदू मंदिरों और हिंदू श्रद्धालुओं पर सिख कट्टरपंथियों की ओर से हमला किया जा चुका है।

यह साल आरएसएस का शताब्दी वर्ष है। ऐसे में संघ कुछ और मुद्दों पर भी प्रस्ताव पास कर सकता है। ABPS की बैठक में हिंदू समाज से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी और देश के मौजूदा हालात पर भी बैठक में उपस्थित संघ के पदाधिकारी मंथन करेंगे।

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फैसला लेने वाली प्रमुख संस्था है ABPS

ABPS को आरएसएस में फैसला लेने वाली सबसे शीर्ष संस्था माना जाता है। इसकी बैठक में संघ के प्रमुख मोहन भागवत, दत्तात्रेय होसबोले समेत सभी शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा पार्टी के कई अन्य सीनियर नेता भी शामिल होते हैं। ABPS की बैठकों में जिन मुद्दों पर चर्चा की जाती है और जिस संबंध में फैसले लिए जाते हैं वह न सिर्फ अगले साल के लिए आरएसएस के कामकाज का रोड मैप तैयार करते हैं बल्कि सरकार को भी यह बताते हैं कि आरएसएस नीतिगत मामलों में किस बात को लागू करने के पक्ष में है।

ABPS की बैठक में संघ के शताब्दी समारोह और देश भर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा होगी। आरएसएस के एक सीनियर पदाधिकारी ने The Indian Express को बताया कि इस बैठक में पिछले एक साल में संघ के द्वारा किए गए कामों की समीक्षा की जाएगी और अगले एक साल के लिए लक्ष्य तय किए जाएंगे।

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कई राज्यों की डेमोग्राफी बदली- RSS

इसके अलावा बैठक में अवैध अप्रवासन, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (NRC) को लेकर भी चर्चा हो सकती है। संघ के पदाधिकारी ने कहा, ‘अवैध प्रवासियों के कारण कई राज्यों की डेमोग्राफी बदल गई है। अरुणाचल प्रदेश जैसे रणनीतिक रूप से संवेदनशील राज्यों में भी बांग्लादेश से आने वाले प्रवासियों की वजह से डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है। हम सभी जानते हैं कि असम और पश्चिम बंगाल में क्या हुआ है। अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें उनके देश वापस भेजना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।’

संघ के नेता के अनुसार, अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस पर चर्चा कर सकती है कि एनआरसी को ऐसे ढंग से लागू किया जाए जिससे कोई भी भारतीय नागरिक खतरा महसूस न करे। सूत्रों के मुताबिक, इस बात पर भी चर्चा हो सकती है कि क्या एनआरसी को कुछ राज्यों में ही लागू किया जाए।

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