पहले प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के साक्षात्कार तक पहुंचने के बाद दूसरे प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा में ही विफल होने वाले सूफियान अहमद ने तीसरी बार (यूपीएससी 2019 परीक्षा) में 303वां स्थान प्राप्त किया। मूल रूप से राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के रहने वाले सूफियान कहते हैं कि उन्होंने अपनी विफलताओं से सीख लेकर सकारात्मक सोच के साथ जब तीसरी बार परीक्षा दी तो उसका परिणाम सबके सामने है। पेश हैं उनसे बातचीत के कुछ अंश…

सवाल : दो बार विफलता के बाद तीसरे प्रयास में आपने अपनी रणनीति में क्या बदलाव किया?
सूफियान : पहले प्रयास में ही यूपीएससी के साक्षात्कार तक पहुंच जाना बेशक सफलता होती है लेकिन इस सफतला से मेरे अंदर अतिआत्मविश्वास पैदा हो गया और दूसरे प्रयास में मैंने परीक्षा को बेहद हल्के ढंग से लिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि दूसरी बार में मैं प्रारंभिक परीक्षा तक पास नहीं कर पाया। इसके बाद मैंने अपनी गलतियों का विश्लेषण किया और उनको दूर करते हुए तीसरे प्रयास की परीक्षा बिना किसी दबाव और सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा दी। इस बार पहली दोनों बार के विपरीत बेहतर परिणाम आया।

सवाल : दबाव से बाहर आने में आपकी किस किसने मदद की?
सूफियान : दो बार विफलता मिलने पर मेरे ऊपर परीक्षा का काफी दबाव आ गया था लेकिन मेरे माता-पिता और मेरे दोस्तों ने मेरे ऊपर से इस दबाव को हटाने में काफी मदद की। इस सभी लोगों ने मुझ पर अपना विश्वास कायम रखा और मुझे बेहतर करने के लिए उत्साहित करते रहे। इन सभी की वजह से मैं तीसरी बार परीक्षा बिना किसी दबाव के दे पाया।

सवाल : तैयारी के लिए आप प्रतिदिन कितने घंटे पढ़ाई करते थे।
सूफियान : आपको प्रतिदिन कितने घंटे पढ़ाई करनी है, यह आपके पढ़ाई के लक्ष्य पर निर्धारित करता है। यदि आप किसी एक किताब को पूरा करने के लिए दस दिन का समय तय करते हो तो आपको उसकी के मुताबिक प्रतिदिन पढ़ाई करनी होगी। मैं दस-बारह घंटे लगातार पढ़ाई नहीं कर सकता हूं। इसलिए मैंने अपने लिए पांच-पांच या छह-छह घंटे का समय निर्धारित किया हुआ था।

प्रस्तुतिः सुशील राघव

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