इंटरनेट पर आवाज या ध्वनि के रूप में उपलब्ध सामग्री को ‘पॉडकास्ट’ कहते हैं। मान लीजिए, आपने कोई लेख लिखा है और उसे बाद में आप अपनी आवाज में बदलकर इंटरनेट पर उपलब्ध कराते हैं तो उसे ‘पॉडकास्ट’ कहेंगे। ‘पॉडकास्ट’ शब्द ‘पॉड’ और ‘कास्ट’ से मिलकर बना है। ‘पॉड’ का अर्थ ‘प्लेयेबल ऑन डिमांड’ यानी ‘मांग पर देय’ और ‘कास्ट’ का मतबल है प्रसारित करना। यानी ‘पॉडकास्ट’ का मतलब हुआ किसी आवाज या ध्वनि को जब चाहे इंटरनेट के माध्यम से प्रसारित करना और सुनना। दूसरे शब्दों में इसे इंटरनेट रेडियो भी कह सकते हैं। रेडियो के जरिए हम नियत समय पर ही कार्यक्रम को सुन सकते हैं। एक बार कार्यक्रम गुजर जाने के बाद उसे दोबारा सुनना असंभव है। लेकिन दूसरी ‘पॉडकास्ट’ के जरिए किसी भी कार्यक्रम को अपनी सुविधा अनुसार सुना जा सकता है। आप किसी कार्यक्रम को कितनी भी बार सुन सकते हैं।

ऐसे शुरू करें ‘पॉडकास्टिंग’
‘पॉडकास्टिंग’ की शुरुआत करने के लिए आपको एक मोबाइल फोन की जरूरत होगी। इसके बाद आपको विभिन्न उपलब्ध मंचों से से किसी एक को चुनना होगा और वहां पर अपना खाता बनाना होगा। ‘पॉडकास्टिंग’ के लिए ‘एंकर’ मंच का सबसे अधिक उपयोग किया जा रहा है। आप इसके ऐप को मोबाइल पर डाउनलोड करके उपयोग कर सकते हैं। इसको उपयोग करना बेहद आसान है। ‘एंकर’ मंच की सबसे खास बात यह है कि यह आपके ‘पॉडकास्टिंग’ को गूगल, एप्पल, स्पूटिफाइ जैसे मंचों तक खुद की पहुंचा देता है। इसके लिए आपको अलग-अलग अपनी सामग्री को पोस्ट करने की आवश्यकता नहीं होती है। ‘एंकर’ मंच आपको अपनी आवाज को अन्य ध्वनियों के साथ संपादित करने की सुविधा उपलब्ध कराता है। यहां से आप अपने मनपंसद विषय पर पूरी दुनिया से बात कर सकते हैं। तो आप किस बात का इंतजार कर रहे हैं। ‘पॉडकास्टिंग’ की दुनिया में आपका स्वागत है।



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