Jana Sena Party Delimitation Meet: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को परिसीमन के मुद्दे पर चेन्नई में विपक्षी दलों की मेगा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में शामिल होने के लिए जनसेना पार्टी (जेएसपी) के सांसद तंगेला उदय श्रीनिवास भी पहुंचे थे लेकिन वह बैठक शुरू होने से पहले ही चेन्नई से वापस क्यों चले गए?

The Indian Express को इस बारे में एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है। बताना होगा कि जेएसपी आंध्र प्रदेश की एनडीए सरकार में शामिल है और इसके अध्यक्ष पवन कल्याण राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं।

बहरहाल, इस पर बात करते हैं कि जेएसपी के सांसद तंगेला उदय श्रीनिवास के साथ क्या हुआ? श्रीनिवास काकीनाडा लोकसभा सीट से सांसद हैं।

जेएसपी सांसद श्रीनिवास जब शुक्रवार रात 8:30 बजे दिल्ली से चेन्नई पहुंचे तो डीएमके के दो सांसद पी. विल्सन और एमएम अब्दुल्ला श्रीनिवास का स्वागत करने एयरपोर्ट पर आए और उन्हें गुलदस्ता भेंट किया। इसके बाद श्रीनिवास को आईटीसी ग्रैंड चोला होटल ले जाया गया, जहां शनिवार को विपक्षी दलों की बैठक हुई थी।

सूत्रों ने The Indian Express को बताया कि आधी रात के करीब श्रीनिवास को फोन आया जिसमें उनसे कहा गया कि पार्टी प्रमुख पवन कल्याण चाहते हैं कि वह चेन्नई से लौट जाएं। कल्याण ने उन्हें इस बात का भरोसा दिया कि वह खुद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन से बात करेंगे और उन्हें बताएंगे कि श्रीनिवास अचानक बैठक छोड़कर क्यों वापस आ गए?

…कुछ मतलब तो जरूर है

इसके बाद एक बड़ा घटनाक्रम हुआ और शनिवार सुबह श्रीनिवास एयरपोर्ट पर वापस आ गए थे जबकि आयोजन समिति के एक सूत्र ने जानकारी दी कि बैठक में एक सीट उनके लिए रिजर्व थी। श्रीनिवास के इस तरह बैठक में शामिल होने से पहले ही वापस चले जाने को लेकर डीएमके ने आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन पार्टी के एक सीनियर नेता ने कहा कि श्रीनिवास यहां तक आए तो इसका कुछ मतलब तो जरूर है।

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डीएमके ने जेएसपी को बुलाया था बैठक में

जेएसपी ने इस बात को स्वीकार किया कि डीएमके ने उसे बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया था लेकिन पार्टी की ओर से बता दिया गया था कि वह बैठक से दूर रहेगी। पवन कल्याण के राजनीतिक सचिव पी. हरि प्रसाद ने कहा कि डीएमके के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल हमसे मिला और हमें आमंत्रित किया लेकिन क्योंकि हम अलग-अलग गठबंधन से ताल्लुक रखते हैं इसलिए हमने उन्हें सम्मानपूर्वक बता दिया था कि हमारी पार्टी बैठक में शामिल नहीं होगी।

इसके अलावा पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण भी अपना रुख इस मामले में स्पष्ट कर चुके हैं। जेएसपी का कहना है कि श्रीनिवास को पार्टी प्रमुख पवन कल्याण का एक पत्र लेकर चेन्नई भेजा गया था जिसमें परिसीमन को लेकर पार्टी के रुख के बारे में बताया गया था। पार्टी ने कहा कि इस तरह की खबरें चलाई गई कि वह डीएमके की बैठक में शामिल होगी, यह पूरी तरह झूठ थी।

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हिंदी थोपने के आरोप को लेकर हुई थी बहस

याद दिलाना होगा कि पिछले हफ्ते पवन कल्याण और डीएमके के बीच National Education Policy (NEP) के जरिए कथित रूप से हिंदी को थोपे जाने को लेकर काफी बहस हुई थी। यह बहस तब शुरू हुई थी जब पवन कल्याण ने कहा था कि डीएमके के नेता ऐसी तमिल फिल्मों का विरोध नहीं करते जो हिंदी में डब होती हैं क्योंकि इससे उन्हें पैसे मिलते हैं। डीएमके के नेताओं ने इस टिप्पणी की आलोचना की थी और कहा था कि उनकी पार्टी हिंदी सीखने के खिलाफ नहीं है लेकिन वह हिंदी को थोपे जाने के खिलाफ है। पवन कल्याण ने फिर से इसका जवाब दिया था और कहा था कि उन्होंने कभी भी हिंदी भाषा का विरोध नहीं किया।

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