Pariksha Pe Charcha 2020 Today Live Streaming & Telecast on Doordarshan, DD National LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को संबोधित कर रहे हैं। वे यहां उनके साथ ‘‘मूल्यवान सुझाव’’ साझा कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले नए साल की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपका दोस्त एक बार फिर से आपके बीच में है। प्रधानमंत्री के रूप में कई प्रकार के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जाना जाता है। उनमें से प्रत्येक में एक नया अनुभव मिलता है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली शताब्दी के आखरी कालखंड और इस शताब्दी के आरंभ कालखंड में विज्ञान और तकनीक ने जीवन को बदल दिया है। इसलिए तकनीक का भय कतई अपने जीवन में आने नहीं देना चाहिए। तकनीक को हम अपना दोस्त माने, बदलती तकनीक की हम पहले से जानकारी जुटाएं, ये जरूरी है। स्मार्ट फोन जितना समय आपका समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं। तकनीक हमें खींचकर ले जाए, उससे हमें बचकर रहना चाहिए। हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा।
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पीएम ने कहा, “जाने अनजाने में हम लोग उस दिशा में चल पड़े हैं जिसमें सफलता -विफलता का मुख्य बिंदु कुछ विशेष परीक्षाओं के मार्क्स बन गए हैं। उसके कारण मन भी उस बात पर रहता है कि बाकी सब बाद में करूंगा, एक बार मार्क्स ले आऊं। सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए। मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है।”
उन्होंने कहा, “अगर कोई मुझे कहे कि इतने कार्यक्रमों के बीच वो कौन सा कार्यक्रम है जो आपके दिल के सबसे करीब है, तो मैं कहूंगा वो कार्यक्रम है परीक्षा पे चर्चा। मुझे हैकथॉन में भाग लेना भी पसंद है। वे भारत के युवाओं की शक्ति और प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं।” इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें। पीएम ने कहा, “यह नया साल और नया दशक आपके लिए और पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। इस नए दशक में जो कुछ भी होगा वह सीधे उन छात्रों से जुड़ा होगा जो वर्तमान में दसवीं और बारहवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं।”
पीएम ने कहा, “युवा मन क्या सोचता है, क्या करना चाहता है, ये सब मैं भली-भांति समझ पाता हूं। जैसे आपके माता-पिता के मन में 10वीं, 12वीं को लेकर टेंशन रहती है, तो मुझे लगा आपके माता-पिता का भी बोझ मुझे हल्का करना चाहिए। मैं भी आपके परिवार का सदस्य हूं, तो मैंने समझा कि मैं भी सामुहिक रूप से ये जिम्मेदारी निभाऊं।” नरेंद्र मोदी ने कहा, “हम विफलताओं मैं भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो।”
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