आज जब दुनियाभर में कोरोना विषाणु संक्रमण महामारी के चलते मनुष्यता त्राहिमाम कर रही है, ऐसे समय में मानवता की सेवा के साथ-साथ यदि भविष्य की राह भी कोई क्षेत्र खोलता है तो वह नर्सिंग क्षेत्र है। किसी के अंदर सेवाभावना, समर्पण और सहनशीलता जैसे गुण हैं तो उसके लिए नर्सिंग से बेहतर कोई अन्य विकल्प नहीं हो सकता। विपरीत और तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी जिसमें काम करने की क्षमता होती है और किसी की जान बचाकर आनंद महसूस करने का इरादा होता है, उनके लिए यह करिअर का सबसे अच्छा विकल्प है।

ऐसे करें शुरुआत
नर्सिंग पैरामेडिकल उद्योग से जुड़ा हुआ पेशा है। नर्सिंग के लिए कई स्तर के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं लेकिन लड़कियों को सबसे अधिक आकर्षित बीएससी (नर्सिंग) पाठ्यक्रम करता है। इस पाठ्यक्रम की अवधि चार वर्ष होती है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए बारहवीं भौतिकी, रसायन, अंग्रेजी, जीव विज्ञान सहित विषयों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। उम्मीदवार के बारहवीं में कम से कम 55 फीसद अंक होने चाहिए। साथ ही उम्मीदवार को प्रवेश परीक्षा भी पास करनी होती है। प्रवेश परीक्षा में भौतिकी, रसायन, जीव-विज्ञान एवं सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। जो युवतियां नर्सिंग में अध्यापन को करिअर बनाना चाहती हैं, बीएससी (नर्सिंग) करने के बाद एमएससी (नर्सिंग) कर सकती हैं, जो दो वर्ष का पाठ्यक्रम है। इसके अलावा नर्सिंग के क्षेत्र में सामान्य नर्सिंग एवं दाई (जीएनएम) और सहायक नर्स दाई (एएनएम) के पाठ्यक्रम भी कराए जाते हैं।

जीएनएम पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इसके पाठ्यक्रम की अवधि साढ़े तीन साल होती है, जबकि न्यूनतम आयु सीमा 17 साल है। एएनएम पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए दसवीं परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। यदि कोई विद्यार्थी इस क्षेत्र में और बेहतर करिअर बनाना चाहता है तो वह हृदय रोग विज्ञान, नेफ्रॉलजी, क्रिटिकल केअर, कैंसर विज्ञान आदि में स्नातकोत्तर और पीएचडी करके विशेषज्ञ बन सकता है। इस क्षेत्र में लोगों की बढ़ती मांग को देखते हुए आजकल लड़कों का भी आकर्षण बहुत तेजी से इस ओर बढ़ा है।

रोजगार के अवसर
चिकित्सा के क्षेत्र में अस्पतालों का कामकाज बहुआयामी हुआ है। अस्पतालों में अब केवल उपचार नहीं बल्कि सेवा सत्कार पर भी ध्यान दिया जाने लगा है। साथ ही हमारे देश में चिकित्सा पर्यटन बढ़ रहा है। विदेशों से उपचार के लिए लोग यहां आ रहे हैं और अच्छी सुविधा चाहते हैं, इससे रोजगार के नए आयाम न केवल बढ़े हैं बल्कि विदेशों में भी भारतीय नर्सों की बहुत मांग बढ़ी हैं।

वेतनमान
किसी भी पाठ्यक्रम को करने का सबसे अंतिम मुकाम यही होता है कि उस क्षेत्र में रोजगार के अवसर कितने हैं और वेतन कितना मिलता हैं। इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावना हैं। जहां तक वेतन कि बात है तो एक प्रशिक्षु नर्स का वेतन भी 15 से 25 हजार रुपए प्रतिमाह तक हो सकता है। धीरे-धीरे करके कोई भी नर्स किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर लेता है तो उसका वेतन एक लाख रुपए प्रतिमाह तक भी हो सकता हैं। कुछ लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करके इसी क्षेत्र में प्रशिक्षण भी करने लगते है तो उनका वेतन 1,50,000 से 2,00,000 रुपए हर महीने तक भी हो जाता हैं। जबकि विदेशों में जो नर्सों का काम करते हैं उनका वेतन विभिन्न देशों में अलग-अलग होता है।

नर्सिंग पाठ्यक्रम कहां से करें
अब आपके मन में प्रश्न होगा कि हमें नर्सिंग का पाठ्यक्रम कहां से करना चाहिए। यह जानने से पहले आपको यह जानना उचित होगा कि अपने देश में सबसे बेहतर नर्सिंग के कॉलेज कौन से हैं? जिनका न केवल नाम हैं, बल्कि वहां नौकरियों के बेहतर अवसर भी उपलब्ध होते हैं।
– संजय सिंह बघेल
(शिक्षक, दिल्ली विश्वविद्यालय)

एम्स, नर्सिंग कॉलेज, दिल्ली
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली
मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई
आरएमएल अस्पताल, नर्सिंग स्कूल, दिल्ली
जामिया हमदर्द नर्सिंग कॉलेज, दिल्ली
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ
लोकमान्य तिलक मेडिकल कॉलेज, मुंबई
श्री शंकराचार्य नर्सिंग कॉलेज, भिलाई
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली
वीएमएमसी एवं सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली
रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय, लखनऊ



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