New Education Policy 2020: केंद्र सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति जारी की। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को पारित नयी शिक्षा नीति के अनुसार बोर्ड परीक्षाएं जानकारी के अनुप्रयोग पर आधारित होंगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एमफिल पाठ्यक्रमों को बंद किया जाएगा।

नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विधि और चिकित्सा कॉलेजों को छोड़कर सभी उच्च शिक्षण संस्थान एक ही नियामक द्वारा संचालित होंगे। केंद्र सरकार की नयी शिक्षा नीति के तहत निजी और सार्वजनिक उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए साझा नियम होंगे। कोरोना वायरस महामारी के कारण अब नया सत्र सितंबर अक्टूबर से शुरू होगा। वहीं, स्कूल के साथ ही हायर सेकेंडरी स्तर पर तकनीक के प्रयोग पर बल दिया जाएगा। नई नीति में सबसे महत्वपूर्ण बात है कि प्री प्राइमरी से 12 वीं क्लास तक समूची स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 के आधार पर डिजाइन किया गया है।

इसमें पहले पांच साल प्री प्राइमरी से लेकर दूसरी क्लास तक होंगे। अगले तीन साल थर्ड क्लास से 5वीं क्लास तक, इसके बाद अगले तीन साल छठी से 8वीं तक। इसके बाद चार साल नौवीं से 12वीं क्लास तक होंगे। तीन भाषा का फॉर्म्यूला जारी रहेगा। इसमें हिंदी थोपी नहीं जाएगी। साइंस और आर्ट्स स्ट्रीम में मर्ज करते हुए नई मल्टी डिसिप्लनरी विषयों को शामिल किया जाएगा।

इसके अलावा क्लास 6 से 8 तक क्लासिकल लैंग्वेज सीखने पर जोर दिया जाएगा। पूरे करिकुलम में फिजिकल एजुकेशन पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। अब 4 साल का डिग्री प्रोग्राम फिर M.A. और उसके बाद बिना M.Phil के सीधा PhD कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति में हर राज्य की अपनी स्कूल नियामक अथॉरिटी की बात भी कही गई है। वहीं, सचिव उच्च शिक्षा विभाग अमित खरे ने कहा कि हमने लक्ष्य निर्धारित किया है कि GDP का 6% शिक्षा में लगाया जाए जो अभी 4.43% है।

नई नीति के तहत देश में उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक(Regulator) होगा, इसमें अप्रूवल और वित्त के लिए अलग-अलग वर्टिकल होंगे। वो नियामक ‘ऑनलाइन सेल्फ डिसक्लोजर बेस्ड ट्रांसपेरेंट सिस्टम’ पर काम करेगा। खरे ने कहा कि U.S. की NSF (नेशनल साइंस फाउंडेशन) की तर्ज पर हम NRF (नेशनल रिसर्च फाउंडेशन) ला रहे हैं। इसमें न केवल साइंस बल्कि सोशल साइंस भी शामिल होगा। ये बड़े प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग करेगा। ये शिक्षा के साथ रिसर्च में हमें आगे आने में मदद करेगा।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। में रुचि है तो



सबसे ज्‍यादा पढ़ी गई





Source link