मेडिकल में अपने करियर बनाने की सोच रहे सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए अच्छी खबर है। तमिलनाडु सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों से पढ़े छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में 7.5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए आदेश पारित कर दिया है और नीट परीक्षा को मंजूरी दे दी। 29 अक्टूबर 2020 (गुरुवार) को डीएमके सांसद और पार्टी के कोषाध्यक्ष टीआर बालू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को मेडिकल कोर्स में सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए आरक्षण विधेयक (NEET quota bill) पर अपनी सहमति देने का निर्देश देने के अपील के दो दिन बाद फैसला आया है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी पलानस्वामी (Tamil Nadu Chief Minister ‘Edappadi’ K Palaniswam) की सरकार ने एक आदेश में, घोषणा की कि राज्य के सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए 7.5 प्रतिशत का प्रोविजन किया जाएगा जो MBBS, BDS, सिद्ध, आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी जैसे स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनईईटी में क्वॉलीफाई करेंगे।

जारी किए गए ऑर्डर के मुताबिक, ‘सभी सरकारी मेडिकल / डेंटल कॉलेजों में राज्य कोटे की सीटों पर लागू किया गया और स्व-वित्तपोषित मेडिकल / डेंटल कॉलेजों में राज्य सरकार द्वारा अलॉट सीटें और वे सभी पाठ्यक्रम जिनके लिए NEET को पात्रता मानदंड के रूप में एकेडमिक ईयर 2020-2021 तक कोर्स से निर्धारित किया गया है।’

इससे पहले, द्रमुक नेता टीआर बालू ने एक पत्र में, अमित शाह से अनुरोध किया था कि वे राज्यपाल को निर्देश दें कि वह इस शैक्षणिक वर्ष में ही अपने पेशे के रूप में मेडिकल को आगे बढ़ाने में सरकारी स्कूल के छात्रों के सपने को पूरा करने में मदद करें। उन्होंने आगे कहा था कि, ‘मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए काउंसलिंग की तारीखों की घोषणा के साथ, नीट कोटा बिल को स्वीकार करने में कोई और देरी सरकारी स्कूल के छात्रों के भविष्य के लिए हानिकारक होगी, जो मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं और जहां तक इस शैक्षणिक वर्ष का संबंध है, बिल का कोई फायदा नहीं हो पाएगा।’

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