NEET PG 2021: सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी ऑल इंडिया कोटा में खाली सीटों को भरने के लिए विशेष काउंसलिंग की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले ही काउंसलिंग के 8 से 9 राउंड हो चुके हैं। ‌ ऐसे में केंद्र का एक और दौर की काउंसलिंग न करने का फैसला चिकित्सा शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि 1456 खाली सीटों में से ज्यादातर सीटें नॉन क्लिनिकल कोर्सेस के लिए है। ऐसे में छात्र शैक्षणिक सत्र के लगभग 1 साल के बाद खाली रह गई सीटों पर और 8 से 9 राउंड की काउंसलिंग के बाद ‌एडमिशन की मांग नहीं कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा की नीट 2021 की प्रवेश प्रक्रिया पहले ही तय समय से पीछे चल रही है और जब 8 से 9 राउंड की काउंसलिंग के बाद भी नॉन टेक्निकल कोर्सेज में कुछ सीटें खाली रह गई हैं तो केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल द्वारा विशेष काउंसलिंग न कराने का फैसला मनमाना नहीं कहा जा सकता है।

शीर्ष न्यायालय ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि विशेष काउंसिलिंग न कराने का सरकार और मेडिकल काउंसिलिंग कमिटी (एमसीसी) का फैसला चिकित्सा शिक्षा और जन स्वास्थ्य के हित में है। चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे जन स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने बुधवार को शीर्ष न्यायालय को बताया था कि उसने नीट-पीजी 21 के लिए चार चरणों की ऑनलाइन काउंसलिंग की है और वह विशेष काउंसलिंग कराकर 1,456 सीट को नहीं भर सकता है क्योंकि अब सॉफ्टवेयर बंद हो चुका है और अगर ऐसा किया गया तो इसका असर नीट 2022 की शिक्षा पर भी पड़ेगा।

नीट-पीजी 2021-22 परीक्षा में बैठने वाले और अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) काउंसलिंग एवं राज्य कोटा काउंसलिंग के पहले और दूसरे चरण में भाग लेने वाले डॉक्टरों ने ये याचिकाएं दायर की थीं।




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