बोर्ड परीक्षा पर फैसला होने के बाद अब अन्य परीक्षाओं और यूनिवर्सिटी में यूजी एडमिशन प्रक्रिया को लेकर लोगों में असमंजस है। सरकार अगले सप्ताह स्थिति की समीक्षा करने के बाद बची हुई JEE ( Mains) परीक्षा की नई तारीख को लेकर कोई फैसला करेगी। साथ ही यह भी तय करेगी कि NEET UG 1 अगस्त 2021 को आयोजित की जा सकती है या नहीं।
सीबीएसई (CBSE) द्वारा कक्षा 12 असेसमेंट स्कीम जारी होने के बाद शिक्षा मंत्रालय सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) पर भी फैसला करेगा। बता दें कि बढ़ते कोरोना मामलों की वजह से अप्रैल और मई में होने वाले JEE ( Mains) को स्थगित कर दिया गया था। इसके साथ ही 1 मई 2021 से शुरू होने वाले NEET UG रजिस्ट्रेशन को रोक दिया गया था। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार “अगले सप्ताह एक समीक्षा बैठक में स्थिति का आकलन किया जाएगा। हालांकि, वर्तमान स्थिति को देखते हुए, NEET UG को स्थगित किए जाने की आशंका है।”
कक्षा 12वीं परीक्षा रद्द होने के बाद, विशेषज्ञों द्वारा देश भर में स्कूल स्तर पर मूल्यांकन में अपेक्षित असमानताओं के साथ-साथ स्कूल बोर्ड द्वारा तैयार किए गए रिज़ल्ट को नॉर्मलाइज़ करने में विश्वविद्यालयों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की जा रही है। कोविड -19 की दूसरी लहर से पहले, यूजीसी ने शिक्षा मंत्रालय को CUCET पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। हालांकि, यूजीसी सूत्र के अनुसार, ” CUCET को साल 2021-22 से लागू किया जाएगा या नहीं, यह CBSE द्वारा 12वीं कक्षा के लिए जारी असेसमेंट स्कीम पर निर्भर करेगा।”
विश्वविद्यालय कक्षा 12वीं के रिजल्ट के आधार पर एडमिशन देने के बजाय स्थिति सामान्य होने पर एंट्रेंस टेस्ट आयोजित कराने के लिए तैयार है। जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा है कि कक्षा 12वीं परीक्षा पर लिया गया फैसला ठीक है क्योंकि छात्रों की सुरक्षा सबसे ऊपर है। अधिकांश उच्च शिक्षण संस्थानों में यूजी प्रोग्राम में एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर एडमिशन होता है। हम स्थिति सामान्य होने पर एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करेंगे। यदि एंट्रेंस टेस्ट में देरी होती है तो पढ़ाई से समझौता किए बिना निश्चित रूप से एकेडमिक कैलेंडर को एडजस्ट किया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में जहां 12वीं रिजल्ट के आधार पर एडमिशन होता है, वहां विश्वविद्यालय एडमिशन के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया तैयार कर सकते हैं।
विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती भी इस बात से सहमति व्यक्त करते हुए कहते हैं कि वर्तमान स्थिति सेंटर बेस्ड एंट्रेंस टेस्ट के लिए अनुकूल नहीं है। उनका सुझाव है कि एंट्रेंस टेस्ट आयोजित होने तक एडमिशन को टाल दिया जाए या फिर एनटीए जैसी एजेंसियां ऑनलाइन टेस्ट आयोजित करें जिससे उम्मीदवार घर बैठे परीक्षा दे सकें।
ऐसे निजी विश्वविद्यालय जो 12वीं बोर्ड में हाई स्कोर पाने वाले छात्रों को सीधे एडमिशन देते थे, वह भी अब इस क्राइटेरिया पर फिर से विचार कर रहे हैं। यूजी एडमिशन में पूर्ण सुधार की मांग करते हुए सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक गांगुली का कहना है कि यूजी एडमिशन की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदलने का समय आ गया है। इसे सिस्टम ऑफ एलिमिनेशन की जगह सिस्टम ऑफ एडमिशन पर आधारित होना चाहिए। कुछ क्वालिटी अंक (मान लीजिए 50%) को 10वीं और 12वीं के प्रदर्शन के लिए अलॉट किया जाना चाहिए और बाकी के लिए कुछ क्राइटेरिया विकसित करना चाहिए जिससे केवल योग्यता और दृष्टिकोण रखने वाले छात्र ही सिस्टम में आ सके।
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