नसीरुद्दीन शाह एक प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक जो की अपने दमदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। वे एक अभिनेता होने के साथ ही एक पर्यावरणविद् भी हैं। वह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं। सिनेमा में उनके योगदान के लिए, भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया है।
नसीरुद्दीन शाह का जन्म 20 जुलाई 1949 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में हुआ था। उनके तीन भाई हैं। एक भाई, जमीरुद-दीन शाह ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में काम किया है और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे हैं। नसीरुद्दीन ने स्वर्गीय परवीन मुरादा उर्फ मनारा सीकरी से पहली शादी 1 नवंबर 1969 को की थी। उस समय, शाह केवल 19 साल के थे और परवीन 34 साल की थीं। वह एक पाकिस्तानी थीं और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में पढ़ रही थीं। शाह ने अपनी पहली पत्नी मनारा सीकरी को तलाक दे दिया और 1 अप्रैल 1982 को उन्होंने रत्ना पाठक से शादी कर ली। अपनी पहली पत्नी से शाह को एक बेटी, हिबा शाह है जो एक अभिनेत्री है। अपनी दूसरी पत्नी से उनके दो बेटे इमाद शाह, विवान शाह हैं।
उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा सेंट एंसलम स्कूल अजमेर और सेंट जोसेफ कॉलेज, नैनीताल से प्राप्त की। जब वे केवल 14 वर्ष के थे, तब उन्होंने अभिनय करना शुरू कर दिया था। शेक्सपियर का मर्चेंट ऑफ वेनिस उनका पहला थियेटर शो था। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और आर्ट्स में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। बाद में, उन्होंने नई दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में एडमिशन लिया।
इसके बाद नसीरुद्दीन FTII पुणे (फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया), चले गए, जिसे तब पुणे फिल्म संस्थान के रूप में जाना जाता था। यहां टॉम ऑल्टर और ओम पुरी जैसे कलाकारों से उनकी दोस्ती हुई। नसीरुद्दीन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था ,’ मेरे मां बाप ने मुझे सिर्फ पैदा किया जबकि मुझे पाला मेरे दोस्तो ने।’ एक समय डिनर के वक्त नसीरुद्दीन पर जानलेवा हमला हो गया था जिसमें ओम पुरी ने उन्हें बचाया और अस्पताल ले गए।
उन्होंने फिल्म निशांत (1975) से अपने अभिनय की शुरुआत की। उसके बाद, उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया है जैस – आक्रोश, मिर्च मसाला, आदर्श, त्रिकाल आदि। 1977 में, उन्होंने टॉम ऑल्टर और बेंजामिन गिलानी के साथ मिलकर एक फिल्म बनाई।
उनका पहला नाटक सैमुएल बेकेट की ‘वेटिंग फॉर गोडोट’ था, जिसका बाद में 1979 में पृथ्वी थिएटर में मंचन किया गया था। इसके बाद, उन्होंने फिल्म ‘हम पंछी’ के साथ मेन स्ट्रीम के बॉलीवुड में कदम रखा।
1983 में, उनकी फिल्म मासूम रिलीज हुई, जिसे सेंट जोसेफ कॉलेज, नैनीताल में शूट किया गया, जहां से उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने गुलजार द्वारा निर्देशित मिर्ज़ा ग़ालिब के जीवन पर आधारित एक टीवी सीरीज में भी काम किया जो उनके करियर के सबसे यादगार किरदारो में से एक है।
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