दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के संयुक्त माप के बाद मंगलवार को नेपाल और चीन की घोषणा के अनुसार माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई 8,448.86 मीटर है। नई ऊंचाई पिछले माप से 86 सेंटीमीटर अधिक है। 2015 में आए विनाशकारी भूकंप एवं अन्य कारणों की वजह से माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी। इस लिए नेपाल सरकार ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को नापने का फैसला लिया था।

इस अवसर पर नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली और चीन के विदेश मंत्री वांग यी दोनो उपस्थित थे। ऐवरेस्ट की ऊंचाई नापे जाने के बाद नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा, “8848.86 मीटर माउंट एवरेस्ट की नई नापी गई ऊंचाई है।” इस अवसर पर, नेपाल के राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पत्रों का भी आदान-प्रदान किया गया।

ऊंचाई की संयुक्त घोषणा के लिए, चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय और नेपाल के भूमि प्रबंधन, सहकारी समितियों और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के बीच पिछले साल एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे। दोनों पक्षों ने इस परियोजना के तहत अपनी टीमों को ग्राउंड पर भेजा था। चीन की समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, 1975 में, चीनी सर्वेक्षकों ने माउंट एवरेस्ट को मापा था तब इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 8,848.13 मीटर ऊपर थी।

2005 में एक सर्वेक्षण में शिखर की ऊंचाई 8,844.43 मीटर और इसकी बर्फ की परत 3.5 मीटर गहरी थी। सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा 1954 में किए गए माप के अनुसार, माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर थी।

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