मुंबईः रतन टाटा के नाम से सोशल मीडिया में एक कोट काफी वायरल है। इसमें कहा गया है कि मैं सही फैसले लेने में यकीन नहीं करता, बल्कि मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं।

सुनने में अजीब लगे लेकिन है सोलह आने सच। रतन टाटा की वजह से छात्रों को 1 नंबर अतिरिक्त मिलेगा। महाराष्ट्र के 12वीं के छात्रों को एक नंबर गिफ्ट में मिलेगा। बोर्ड ने अंग्रेजी पेपर में रतन टाटा की वजह से एक नंबर देने का निर्णय लिया है।

दरअसल, महाराष्ट्र बोर्ड ने 12वीं के छात्रों को सिंपल सेंटेंस बनाने के लिए दिया था। अंग्रेजी के पेपर में बोर्ड ने रतन टाटा के एक वाट्सऐप मैसेज का जिक्र किया गया था। रतन टाटा कई साल पहले ही इस बात का खुलासा कर चुके हैं कि यह कोट उनका नहीं है। बोर्ड ने अपनी गलती पर शर्मिंदा होते हुए अब सभी छात्रों को एक नंबर देने का निर्णय लिया है।

रतन टाटा के नाम से सोशल मीडिया में एक कोट काफी वायरल है। इसमें कहा गया है कि मैं सही फैसले लेने में यकीन नहीं करता, बल्कि मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं। हालांकि, कई साल पहले उन्होंने खुद ही इससे अपना पल्ला झाड़ लिया था।

पेरिस के एक बिजनेस स्कूल में तकरीबन 7 साल पहले उन्होंने छात्रों के सवाल जवाब के दौरान इस कोट को अपना मानने से इन्कार कर दिया था। उनका कहना था कि उन्होंने ये शब्द नहीं कहे। टाटा का यहां तक कहना था कि सोशल मीडिया पर उनके नाम पर बहुत सी चीजें हैं।

फिलहाल सच्चाई का पता चलने के बाद महाराष्ट्र बोर्ड बैकफुट पर है। यही वजह है कि अपनी गलती पर परदा डालने के लिए बोर्ड ने छात्रों को 1 अतिरिक्त नंबर देने का फैसला किया है। बोर्ड के एक अधिकारी का कहना था कि गलती अनजाने में हुई। इसी वजह से छात्रों को बनस अंक दिया जा रहा है। उनका कहना है कि इससे उन छात्रों का काफी मदद मिलेगी जो 1 नंबर की वजह से पास होने से रह गए थे।




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