लालकृष्ण आडवाणी, स्मृति ईरानी, पीयूष गोयल, वसुंधरा राजे सहित कई दिग्गज ईसाई मिशनरियों के स्कूल से पढ़ कर निकले हैं। ईसाई मिशनरियों और भाजपा या संघ परिवार के बीच जो रिश्ते हैं उन्हें शायद मधुर की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। छोटे नेता ही नहीं बड़े नेता भी मिशनरियों पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते आए हैं।
पिछले साल ही गृह मंत्रालय ने चार ईसाई समूहों के विदेशी स्रोतों से धन प्राप्त करने के लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। कहा गया था कि इस धन का इस्तेमाल ईसाई बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन, दिलचस्प बात यह है कि इन मिशनरियों के स्कूलों से पढ़कर समाज मैं ऊंचा मुकाम पाने वालों में कई विख्यात हिंदुत्ववादी नेता शामिल हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम है लालकृष्ण आडवाणी का, जो कभी हिंदुत्व के सबसे बड़े अलंबरदार थे।
आडवाणी की स्कूलिंग कराची के विख्यात सेंट पैट्रिक हाइस्कूल में हुई। यह स्कूल आज भी आडवाणी को याद करता है। विद्यालय के पोर्टल के पूर्व छात्रों के (alumni) सेक्शन में लाल कृष्ण आडवाणी का नाम राजनीतिज्ञों की श्रेणी में दर्ज है। आडवाणी अपने स्कूल का ज़िक्र भी करते आए हैं।
आडवाणी की तरह शानदार अंग्रेज़ी ज्ञान के लिए मशहूर स्व. अरुण जेटली की प्रारंभिक शिक्षा मिशनरी स्कूल ने दिल्ली के सेंट ज़ेवियर्स स्कूल में हुई। इसी तरह पीयूष गोयल की स्कूलिंग माटुंगा, मुम्बई के डॉन बॉस्को में तो जेपी नड्डा की शुरुआती पढ़ाई पटना के सेंट ज़ेवियर्स में हुई।
राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की पढ़ाई अति विशिष्ट स्कूल प्रेजेंटेशन कान्वेंट कोडाइकनाल में हुई। तमिलनाडु स्थित इस विद्यालय में सिर्फ लड़कियां पढ़ती हैं।
विदेशमंत्री एस जयशंकर की शिक्षा दीक्षा में भी ईसाई मिशनरी का योगदान है। पर उनका यह जुड़ाव स्कूल नहीं कॉलेज में हुआ। यह कॉलेज था दिल्ली का प्रख्यात सेंट स्टीफेंस, जहां उन्हें स्नातक की डिग्री मिली।
एक अन्य केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की पढ़ाई भी इसी तरह होली चाइल्ड ऑक्सीलियम स्कूल में हुई, जो कि दिल्ली में है।
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