केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विश्वविद्यालयों के चांसलर पद छोड़ने के फैसले को लेकर बयान दिया है।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने एक बयान से फिर सुर्खियां बटोर ली हैं। उन्होंने विश्वविद्यालयों के चांसलर पद छोड़ने के फैसले को लेकर बयान दिया है। हालांकि, उन्होंने अपने इस फैसले की वजह का जिक्र नहीं किया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि निश्चित रूप से कुछ ऐसा हुआ है जिसकी वजह से मुझे यह निर्णय लेना पड़ा है लेकिन मैं इस कारण पर चर्चा नहीं करूंगा क्योंकि इसमें राष्ट्रीय संस्थान शामिल हैं।
केरल के राज्यपाल का कहना है कि वह ऐसे माहौल में काम नहीं कर सकते हैं जहां उन्हें विश्वविद्यालयों के कामकाज में बहुत अधिक राजनीतिक हस्तक्षेप झेलना पड़े। उन्होंने विश्वविद्यालयों में राजनीतिक नियुक्ति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को हाल ही में एक पत्र भेजा था। जिसमें कहा गया था कि वह उच्च शिक्षा क्षेत्र के गिरे स्तर से आहत हैं। उन्होंने केरल सरकार से चांसलर का पद संभालने की बात कही और साथ ही यह भी कहा कि अगर राजनीतिक हस्तक्षेप जारी रहा तो वह और नहीं झुक सकते हैं।
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जानकारी के लिए बता दें कि केरल हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आरिफ मोहम्मद खान को नोटिस जारी किया था। इस अपील याचिका में गोपीनाथन रविंद्रन को कुन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में फिर से नियुक्त किए जाने को गैरकानूनी बताया गया है। राज्यपाल ने इस नोटिस को यह कहकर इंकार कर दिया कि वह चांसलर का पद छोड़ चुके हैं। यह नोटिस चांसलर को जारी किया गया है न कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को। उन्होंने 8 दिसंबर को चांसलर पद से इस्तीफा दे दिया था और वह अपने इस फैसले को नहीं बदलने वाले हैं।
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