झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने प्रोफेसर सोनाझरिया मिंज को सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय (SKMU), दुमका का नया कुलपति नियुक्त किया है। प्रो. सोनाझरिया मिंज जेएनयू दिल्ली में प्रोफेसर हैं और स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंसेज डिपार्टमेंट में पढ़ाती हैं। बुधवार को झारखंड की पहली महिला राज्यपाल और राज्य के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के चार विश्वविद्यालयों में कुलपति और प्रतिकुलपति की नियुक्ति की है। डॉ. मिंज को इसकी सूचना गुरुवार को रांची में मिली। झारखंड में गुमला जिले की एक जनजाति वर्ग की महिला का इतने बड़े पद पर नियुक्त होना वाकई में गर्व की बात है। न्यूज वेबसाइट ‘द टेलिग्राफ’ ऑनलाइन एडिशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोनाझरिया का कहना है कि आज भी उनके गणित के शिक्षक की ‘तुमसे न हो पाएगा’ बात याद है, जिससे वे आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित हुईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, SKMU की वाइस चांसलर डॉ. सोनाझरिया मिंज ने बताया कि ‘गणित के शिक्षक, जो आदिवासी नहीं थे, जानते थे कि यह मेरा मजबूत विषय है और मैंने तीन बार 100 प्रतिशत स्कोर किया था। फिर भी उन्होंने मुझसे कहा कि मैं ग्रेजुएशन के लिए मैथ्स नहीं पढ़ूं। इसने मुझे इस विषय का और अधिक अध्ययन करने के लिए और अधिक दृढ़ बना दिया।’ उन्होंने आगे कहा कि वे एक आदिवासी होने की वजह से अंग्रेजी माध्यम के स्कूल नहीं जा सकती थीं। इसलिए उन्होंने रांची के हिंदी मीडियम स्कूल में आदिवासी छात्रों और शिक्षकों के साथ पढ़ाई की और अच्छा प्रदर्शन किया। महिला क्रिश्चियन कॉलेज, चेन्नई से गणित में स्नातक और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से गणित में एमएससी करने के बाद, मिंज 1986 में कंप्यूटर साइंस का अध्ययन करने जेएनयू आ गई थीं। उन्होंने कहा कि “मैंने गणित से हटकर कंप्यूटर साइंस को एक नई चुनौती के रूप में चुना था।’
डॉ. मिंज ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग और एसकेएमयू के वीसी के पद के लिए आवेदन किया। उनके पिता ने सेंट कोलंबा, हजारीबाग से पढ़ाई की थी, जो बाद में वीबीयू बना। मिंज लूथरन बिशप एमेरिटस निर्मल मिंज की बेटी हैं, जिन्होंने रांची के गोस्सनर कॉलेज की स्थापना की थी। वह उरांव जनजाति द्वारा बोली जाने वाली आदिवासी भाषाओं, विशेष रूप से कुडुख के शिक्षक हैं। उन्होंने कुडुख के विकास में योगदान के लिए 2016 में भाषा सम्मान भी जीता है।
बता दें कि, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की स्थापना 10 जनवरी 1992 को बिहार विधान सभा के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। राज्य में चार नियुक्तियां झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश एचसी मिश्र की अध्यक्षता में बनी सर्च कमेटी की सिफारिश और सीएम हेमंत सोरेन की सहमति पर हुई हैं। राज्यपाल ने राममनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी, अयोध्या में प्रोफेसरडॉ रामलखन सिंह को नीलांबर-पीताबंर विवि में कुलपति बनाया और डॉ दीप नारायण यादव को प्रतिकुलपति बनाया गया है। भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर, मुंबई में साइंटिफिक ऑफिसर रह चुके डॉ. मुकुल नारायण देव को विनोबा भावे विवि का नया कुलपति नियुक्त किया है। रांची यूनिवर्सिटी की वर्तमान प्रोवीसी डॉ कामिनी कुमार की पुनर्नियुक्ति हुई है।
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