श्रीमद् भागवत कथा और नानी बाई का मायरा की कहानी के लिए दुनिया भर में जानी जाने वाली जया किशोरी सोशल मीडिया पर भी बहुत लोकप्रिय हैं। वे अक्सर अपने सोशल अकाउंट्स पर अपने वीडियो शेयर करती रहती हैं। वे कथावाचक के अलावा एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। जया किशोरी छात्रों की समस्याओं पर भी सुझाव देती हैं।
जया किशोरी ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर आस्क मी सीरीज का एक विडियो शेयर किया। इस विडियो में, एक छात्रा ने उनसे एक प्रश्न किया कि माना किसी परीक्षा में किसी बच्चे के लगभग 89 प्रतिशत नंबर आते हैं जिससे बच्चा खुद भी संतुष्ट है। लेकिन कुछ रिश्तेदार उसकी तुलना उन बच्चों से करते हैं जो 90 या उससे अधिक प्रतिशत अंक लाते हैं। इस कारण बच्चे का मनोबल कमजोर हो जाता है और खुद पर से उसका विश्वास डगमगा जाता है। छात्रा पूछती है कि इन चीजों को कैसे दूर किया जाए और ऐसे रिश्तेदारों की बातों को नजरअंदाज करने का तरीका क्या है।
इस सवाल का जवाब जया किशोरी ने बड़ी सहजता से दिया। उनके अनुसार, जीवन में केवल दो आसान चीजों का अभ्यास करके, इन चीजों को दूर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जब तक आप खुद से प्यार नहीं करते, खुद का सम्मान नहीं करते, तो दूसरे आपको महत्व नहीं देंगे। वह कहती हैं कि यदि आपको लगता है कि आपने अच्छा प्रदर्शन किया है और आप अपने अंकों और कड़ी मेहनत से खुश हैं, तो किसी के भी शब्द आपके लिए मायने नहीं रखते। उन्होंने आगे कहा कि आपको पहचानना चाहिए कि आप कौन हैं। ऐसे लोगों से दूर रहें जो आपको प्रेरित नहीं कर सकते। यह समझें कि आपके लिए किसके शब्द, सलाह और विचार महत्वपूर्ण हैं।
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